आर्थिक पैकेज : 5वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री सीतारमण का बड़ा ऐलान, 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया मनरेगा का बजट - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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आर्थिक पैकेज : 5वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री सीतारमण का बड़ा ऐलान, 40 हजार करोड़ बढ़ाया गया मनरेगा का बजट

पैकेज की अंतिम किस्त में सात मुद्दों ‘मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन’ पर ज़ोर दिया गया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कोरोना संकट से निपटने लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत पांचवीं और अंतिम घोषणाएं कर रहीं हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदला। पैकेज की अंतिम किस्त में सात मुद्दों ‘मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधन’ पर ज़ोर दिया गया।
मनरेगा को किए जाएंगे 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित
केंद्र सरकार ने वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अधिक अवसर मुहैया कराने को लेकर मनरेगा योजना को बजट के 61 हजार करोड़ रुपये से अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए। वित्त मंत्री ने कहा, गांव लौट रहे मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिले इसके लिए 40,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है। 
पहली से बारहवीं कक्षा तक के लिए लॉन्च होंगे 12 चैनल 
लॉकडाउन में ऑनलाइन स्टडी पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है। इसके लिए सरकार पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के लिए अलग-अलग टीवी चैनल शुरू किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि टॉप 100 यूनिवर्सिटी को 30 मई, 2020 तक स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति होगी। 
स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जाएगा निवेश
स्वास्थ्य व्यय में वृद्धि की जाएगी और स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के लिए जमीनी स्तर पर निवेश किया जाएगा, जिसमें आकांक्षी जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। सभी जिलों में अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लॉक होंगे। ब्लॉक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब स्थापित की जाएंगी। सभी जिलों में प्रखंडस्तर पर एकीकृत लैब बनाए जाएंगे।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त बांटे जा रहे हैं अनाज
लॉकडाउन के दौरान गरीबों तक सरकार आर्थिक मदद पहुंचा जा रही है। वित्तमंत्री ने बताया कि 20 करोड़ जनधन खाते में 10,225 करोड़ रुपए और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के मजदूरों के खाते में 50.35 करोड़ रुपए डाले गए हैं। उन्होंने कहा हि गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद पहुचाई गई है और सरकार को प्रवासी मजदूरों का पूरा ख्याल है और शिविरों में रह रहे लोगों को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज बांटे जा रहे हैं।  
नई पब्लिक सेक्टर पॉलिसी लाएगी केंद्र सरकार 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि सरकार नई पब्लिक सेक्टर पॉलिसी लाएगी जिसमें सभी सेक्टरों को निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए खोला जाएगा। लोक उपक्रम चुनिंदा रणनीतिक क्षेत्रों में ही कारोबार कर सकेंगे। इन सेक्टरों को नोटिफाई किया जाएगा। इन सेक्टरों में भी कम से कम एक और अधिक से अधिक चार लोक उपक्रमों की ही मौजूदगी होगी। 
इन क्षेत्रों में भी प्राइवेट कंपनियाँ कारोबार कर सेकेंगी। अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले लोक उपक्रमों का निजीकरण किया जाएगा। यदि किसी रणनीतिक क्षेत्र में चार से अधिक सार्वजनिक कंपनी होगी तो उनका विलय या निजीकरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य पर सरकारी निवेश बढ़ाया जाएगा। 
बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा ढाँचों को मजबूत बनाया जाएगा। हर जिला अस्पताल में संक्रामक रोगों के लिए विशेष ब्लॉक बनाये जाएंगे। प्रखंड स्तर पर जन स्वास्थ्य प्रयोगशालायें बनाई जाएंगी। अनुसंधान के प्रोत्साहित किया जाएगा। राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का ब्लूपि्रंट तैयार किया जाएगा।
एक साल तक दिवाला प्रक्रिया पर रहेगी रोक
देश में कारोबार की आसानी को बढ़वा देने के लिए कंपनी कानून और दिवालिया एवं शोधन अक्षमता कानूनों में बदलाव किए जा रहे हैं। निजी कंपनियों को अब अपने शेयर सीधे विदेशों में सूचीबद्ध कराने का अधिकार दिया जाएगा। साथ ही गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) संबंधी नियमों में भी बदलाव किया जाएगा। अब शेयर बाजार में एनसीडी जारी करने से कंपनी को सूचीबद्ध नहीं माना जाएगा। 
कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थितियों की वजह से ऋण में चूक होने पर दिवाला कानून के तहत इसे चूक नहीं माना जाएगा। शोधन अक्षमता प्रक्रिश शुरू करने के लिए न्यूनतम चूक सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा। एक साल तक कोई नयी दिवाला प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए अध्यादेश लाया जाएगा।
छोटे तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक को अपराधीकरण की सूची से निकाला जाएगा। पहले कंपनी कानून के तहत 18 प्रकार के अपराधों में सुलह कराने का अधिकार क्षेत्रीय निदेशकों को होता था अब इसमें 40 और अपराधों को शामिल किया जाएगा जहाँ दोनों पक्ष आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर सकेंगे। साथ ही आपराधिक कोर्ट और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधीकरण को अलग-अलग किया जायेगा। इसके लिए भी अध्यादेश लाया जाएगा।

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