रायपुर: प्रदेश के वन, विधि और विधायी कार्य मंत्री महेश गागड़़ा ने भारत वर्ष के जीवनकाल को बचाने के लिए सदु्ररू और ईशा फाउण्डेशन द्वारा चलाए जा रहे ”नदियों के लिए रैली” अभियान को अपना समर्थन दिया। हाल ही में मंत्री महेश गागड़ा की ईशा योग केंद्र, कोयम्बटूर में ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सदु्ररू से सौजन्य मुलाकात हुई थी। महेश गागड़़ा ने सद्गुुरू द्वारा चलाये जा रहे अभियान की सराहना की और कहा कि भारत में पर्यावरण की सुरक्षा हेतु यह अभियान महत्वपूर्ण है। भारत में दो प्रकार की नदियां प्रवाहित होती हैं। एक प्राकृतिक वनों पर आधारित है और दूसरा ग्लेशियर पर आधारित है। विभिन्न कारणों से जो नदियां सूख रहीं हैं, उन नदियों को बचाने की आवश्यकता है।
सदु्ररू द्वारा प्रस्तावित नदियों के किनारे वृक्षारोपण का समाधान स्थायी एवं दीर्घकालिक समाधान है। हम सभी को इस अभियान से जुडऩा चाहिए। पर्यावरण वैज्ञानिकों और सांसदों की विशेषज्ञ समिति इस मुद्दे पर नीतिगत दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया में है। विशेषज्ञ समिति मुख्य नदियों के किनारे पर एक किलोमीटर वृक्ष कवर और उपनदियों के किनारे पर आधा किलोमीटर वृक्ष कवर बनाने का मसौदा प्रस्तुत करती है। वृक्षारोपण नदियों के किनारे सरकारी भूमि या वनभूमि पर किया जा सकता है।
पेड़ आधारित कृषि को प्रोत्साहित करके सुनिश्चित किया जा सकता है कि नदी की मिट्टी को नम रखा जाए जिससे मिट्टी की क्षरण कम हो जायेगा। नदी किनारे व्यापक वृक्षारोपण नदियों को संरक्षित करता है, वर्षा में वृद्धि होती है और जलवायु परिवर्तन तथा मिट्टी के क्षरण को रोकने में मदद करता है। उन्होंने कहा सदु्ररू और ईशा फाउण्डेशन द्वारा चलाया जा रहा यह जन आंदोलन निश्चित ही सराहनीय है। छत्तीसगढ़ राज्य में मैं इस अभियान का समर्थन करता हूँ। हम यहां वृक्षारोपण के निर्धारित लक्ष्य को प्रतिवर्ष पूर्ण कर रहे हैं। इस जनकल्याणकारी अभियान में सहयोग और सहभागिता हेतु हम अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंग।