प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी श्रमिकों को गांवों में आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए 20 जून को 50,000 करोड़ रुपये के फंड के साथ ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ लांच करेंगे। रोजगार की इस मेगा योजना की शुरुआत बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड स्थित तेलिहार गांव से होगी।
इसकी जानकारी यहां मीडिया को देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश के छह राज्यों के 116 जिले ऐसे हैं जिनमें से हर जिले में कोरोना काल के दौरान शहरों से वापस होने वाले मजदूरों की संख्या 25,000 से ज्यादा हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि इन 116 जिलों में बिहार के 32 जिले जबकि उत्तर प्रदेश के 31 जिले शामिल हैं।
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सबसे ज्यादा श्रमिक उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में लौटे हैं। वित्तमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को 125 दिनों तक रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे और इन सभी जिलों में रोजगार के इच्छुक हर श्रमिक को काम मिलेगा।
उन्होंने बताया कि ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 25 तरह के कार्यो को शामिल किया है। वित्तमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत जहां प्रवासी श्रमिकों को आजीविका का साधन मिलेगा वहीं दूसरी ओर आकांक्षी जिलों में बुनियादी संरचनाओं का विकास होगा। इसके तहत जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना समेत गांवों में संचालित कई योजनाओं को शामिल किया गया है।