कोरोना महामारी के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण लाखों प्रवासी मजदूरों का रोजगार चला गया था। इस बीच, उत्तर मध्य रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को रेलवे की परियोजनाओं में सीधे या मनरेगा के तहत काम देने की योजना बनाई है और इससे न केवल श्रमिकों को काम का अवसर उपलब्ध होगा, बल्कि महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचे के कार्यों में तेजी आएगी।
उत्तर मध्य रेलवे की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने एनसीआर के मंडलों और निर्माण संगठनों को रेलवे की परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों से काम लेने की संभावना तलाशने को कहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान कई पाबंदियों के बीच उत्तर प्रदेश के 20 जिलों, मध्य प्रदेश के नौ जिलों, राजस्थान के चार जिलों और हरियाणा के एक जिले में फैले उत्तर मध्य रेलवे की विभिन्न परियोजना साइटों पर संसाधन जुटाना एक दुष्कर कार्य था।
इस बीच, रेलवे बोर्ड ने देश के 116 जिलों और इन जिलों में लौटकर आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या की सूची जारी की है और जोनल रेलवे को प्रत्येक जिले में रेलवे परियोजनाओं की पहचान करने की सलाह दी है जिससे इन जिलों में प्रवासी मजदूरों का सीधे तौर पर या मनरेगा के तहत उपयोग किया जा सके। विज्ञप्ति में कहा गया है कि फील्ड में तैनात अधिकारियों को स्थानीय अधिकारियों और ग्राम पंचायतों से निरंतर संपर्क में रहने और जिला विशेष में प्रत्येक परियोजना में ठेका श्रमिक के लिए उपलब्ध काम के दिनों का आकलन करने को कहा गया है।