रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि सीमाई इलाके में महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना निर्माण के काम में तेजी लाने के लिये एक उच्चस्तरीय कमेटी की अहम सिफारिशों को लागू किया जा रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली एक कमेटी ने तीनों सैन्य बलों के लिए सिलसिलेवार सुधारों के साथ सीमाई क्षेत्र में आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने की सिफारिश की है।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार चीन से लगी देश की करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा के पास सड़कों का विस्तार करने पर ध्यान दे रही है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने सीमाई क्षेत्र में आधारभूत संरचना के संबंध में लेफ्टिनेंट जनरल डी बी शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की कमेटी के महत्वपूर्ण सुझावों को स्वीकार लिया है और इसे लागू किया जा रहा है। ये सड़क निर्माण को गति देने के संबंध में है। ’’ अगस्त 2017 में रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना के लिए 65 सुधार उपायों को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने कहा कि कमेटी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सीमाई क्षेत्र में सड़कों के निर्माण में नयी प्रौद्योगिकी का भी इस्तेमाल हो रहा है।
इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर सोमवार को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स(जीओएम) की महत्वपूर्ण बैठक हुई। दोपहर सवा 12 बजे से शुरू हुई बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आदि केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में केंद्र सरकार से घोषित 20 लाख करोड़ के भारी भरकम आर्थिक पैकेज को जनता तक सही से पहुंचाने को लेकर रणनीति बनी। सूत्रों ने बताया कि मंत्री समूह की बैठक में तय हुआ कि पैकेज में जिन-जिन मंत्रालयों से जुड़ी घोषणाएं हैं, उसको लेकर वे जनता को जागरूक करते हुए जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने की रणनीति बनाएंगे ताकि आर्थिक पैकेज से जुड़ी मोदी सरकार की मंशा सफल हो सके।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, एस जयशंकर, हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर आदि केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में यह भी कहा गया कि पैकेज से जुड़े सभी हितधारकों से भी मंत्रालय संवाद करें और उनसे सही तस्वीर पेश करें। जनता के बीच पैकेज को आसान भाषा में बताना होगा ताकि सभी को लाभ मिल सके। मंत्रिसमूह की बैठक में सभी मंत्रालयों को आर्थिक पैकेज को धरातल पर उतारने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग बनाने का निर्देश जारी हुआ है।
बता दें कि मोदी सरकार ने आर्थिक संकट से हर वर्ग को उबारने के लिए देश की जीडीपी का दस प्रतिशत यानी 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज घोषित किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले पांच दिनों से एक-एक कर सभी सेक्टर के लिए पैकेज के बारे में जानकारी दी। इसमें गांवों से लेकर उद्योग जगत के लिए कई राहत भरी घोषणाएं शामिल हैं। गांवों में मनरेगा से रोजगार बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने बजट 40 हजार करोड़ बढ़ाने की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, हवाई अड्डे, विद्युत वितरण, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा जैसे आठ सेक्टर के निजीकरण का भी ऐलान किया। मंत्री समूह की इस बैठक में केंद्र सरकार की ओर से अब तक घोषित राहत उपायों की समीक्षा भी हुई।