भोपाल : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर विगत दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान ग्वालियर चंबल संभाग में हुई हिंसा में मारे गये बेगुनाहों को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश की काननू व्यवस्था की स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि यह एक सार्वजनिक तथ्य है कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हुई हिंसक घटनाओं में भाजपा के अनुषांगिक संगठन,
आरएसएस और बजरंग दल के लोगों द्वारा पुलिस प्रशासन से मिलकर हिंसा को अंजाम दिया गया था। इसमें पुलिस प्रशासन मौन रहा। सरकार ने दोषी लोगों पर कोई कार्यवाही न करते हुए निर्दोष व्यक्तियों पर प्रकरण दर्ज कर भेदभाव किया है । इस दौरान लगभग पांच सौ लोगों को गिरफ्तार किया गया और 27 सौ लोगों को पुलिस तलाश रही है। इसके अलावा सरकार एक हजार लोगों की कोर्ट से जमानत नहीं होने दे रही है।
कमलनाथ ने लिखा है कि पीडि़त लोगों के प्रति आपका संवेदनशील रवैया होना चाहिए था, लेकिन खेद है कि विगत 8मई को ग्वालियर में रहते हुये भी आपने पीडि़त परिवारों के घर जाकर मिलना उचित नहीं समझा। इसके लिए आपको उनसे माफी मांगनी चाहिए। वे सभी गरीब लोग हैं और पुलिस की भेदभावपूर्ण कार्यवाही से टूट गये हैं। नाथ ने पत्र में लिखा है कि आंदोलन की जानकारी पूर्व से ही प्रशासनिक मशीनरी और खुफिया तंत्र को थी।
हिंसा में आठ निर्दोष लोग आकस्मिक मौत के शिकार हुए हैं। प्रशासनिक सुस्ती के कारण कई जगह कफ्र्यू लगाना पड़ा। अगर खुफिया तंत्र सावधानी बरतता तो हिंसक घटनाओं को रोका जा सकता था। इस संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की शांति और सद्भावना कमेटी ने क्षेत्र का दौरा कर प्रदेश कांग्रेस को भेजी अपनी रिपोर्ट में सरकार और पुलिस प्रशासन पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने और अनुसूचित जाति, जनजाति पर दमनकारी नीति बनाने का उल्लेख किया है। इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी आपसे श्वेत पत्र जारी करने की मांग करती है।
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