कोरोना महामारी के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की अगले महीने यानी जून में बैठक होना है। संभवता है कि जीएसटी परिषद गैर-जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ा सकता है, हालांकि, वित्त मंत्रालय इसके पक्ष में नहीं है। दरअसल, लॉकडाउन के चलते कर संग्रह घटा है, ऐसे में माना जा रहा है कि जीएसटी परिषद गैर-जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, गैर-जरूरी वस्तुओं पर यदि जीएसटी की दर बढ़ाई जाती है तो यह उनकी मांग को कम करेगा। अंतत: इससे अर्थव्यवस्था के फिर पटरी पर लौटने की रफ्तार कम होगी। सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को हर मोर्चे पर बेहतर करना होगा। इसके लिए अनिवार्य वस्तुओं के अलावा भी मांग बढ़ाने की जरूरत है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि जीएसटी की दर बढ़ाने पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद करेगी। जीएसटी परिषद में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल हैं। देश के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने के लिए यह शीर्ष इकाई है। जीएसटी परिषद की 39वीं बैठक मार्च में हुई थी। तब कई वस्तुओं पर जीएसटी कर की दर कम की गयी थी।
देश में 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है। इसके चलते सरकार के जीएसटी संग्रह में कमी आयी है। सरकार ने अप्रैल के जीएसटी संग्रह आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए हैं। सूत्रों ने यह भी कहा कि सरकार ने अभी राजकोषीय घाट को पूरा करने के लिए घाटे के मौद्रीकरण (नोट छाप कर पूरा करने) के बारे में कोइ निर्णय नहीं लिया है।सूत्रों ने कहा कि कोविड19 महामारी क्या रूप लेने जा रही है, इसका अर्थव्यवस्था पर आगे उसका क्या असर होगा अभी यह कोई नहीं जानता। वैश्विक स्तर पर भी कोई देश यह नहीं कह सकता कि तीन महीने बाद की स्थिति क्या रहेगी।