नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि उनका मंत्रालय आने वाले कुछ हफ्तों में एयर इंडिया के लिए रुचि पत्र जारी करने की कोशिश करेगा। पुरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नागर विमानन मंत्रालय विमानन क्षेत्र के लिए नोडल (प्रमुख) मंत्रालय है। वह विनिवेश विभाग का प्रभारी नहीं है।
कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है। इंडिया के भविष्य को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच अधिकारी ने कहा कि 12 छोटे विमान खड़े हैं, इन्हें फिर से चलाने के लिए पूंजी की जरूरत है। कंपनी पर करीब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है और सरकार अभी भी विनिवेश के तौर-तरीकों पर काम कर रही है। खतरे की घंटी बजाते हुए अधिकारी ने कहा कि यदि जून तक खरीददार नहीं मिला तो एयर इंडिया का हाल भी जेट एयरवेज जैसा हो सकता है।
उन्होंने कहा , “एयर इंडिया प्रथम श्रेणी की एयरलाइन है लेकिन उसके निजीकरण को लेकर कोई दो राय नहीं है। हम किसी निश्चित समयसीमा के अधीन नहीं हैं। हम जल्द से जल्द एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश कर रहे हैं।” बता दें की भारी कर्ज के बोझ में दबी सरकारी एयरलाइंस कंपनी ‘एयर इंडिया’ को यदि जल्द कोई खरीदार नहीं मिला तो जून तक बंद हो सकती है, टुकड़ों में व्यवस्था करने से काम नहीं चलेगा।