हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी 68 में से 43 सीटों पर बढ़त बनाकर सत्ता में आती दिख रही है। भाजपा के इंदर सिंह गांधी ने खाता खोलते हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की मतगणना के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 68 में से 43 सीटों पर बढ़त बनाकर सत्ता में आती दिख रही है।
स्पीति विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार डा. राम लाल मारकंडा ने कांग्रेस के रवि ठाकुर को 1478 मतों से पराजित किया। भाजपा ने यह सीट कांग्रेस से छीनी है। डा. मारकंडा को 7756 जबकि श्री ठाकुर को 6278 वोट मिले।
राज्य के विभिन्न मतगणना केंद्रों से आ रहे रुझानों के अनुसार, कांग्रेस 22 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है जबकि भाजपा 43 और छोटे दल एवं निर्दलीय उम्मीदवार तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। शिलाई कांग्रेस के हर्षवर्धन चौहान ने भाजपा के बल्देव सिंह को 4125 मतों से हराया। श्री चौहान को 29171 और श्री सिंह को 25046 मत मिले।
ठियोग से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राकेश सिंघा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राकेश वर्मा को 1983 मतों से हराया। माकपा ने यह सीट कांग्रेस से छीनी। राकेश सिंघा को 24791 और राकेश वर्मा को 22808 मत मिले।
वही भाजपा को हिमाचल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 35 सीटों की जरूरत है। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता गणेश दत्त ने बताया, हमने आधा रास्ता पार कर लिया है, जिससे स्पष्ट है कि हम राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (अर्की) और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह (शिमला ग्रामीण) सीट से अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ऊना से और मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर सीट से पीछे चल रहे हैं।
राज्य में 9 नवंबर को मतदान हुए थे। आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (कांग्रेस) और प्रेम कुमार धूमल (भारतीय जनता पार्टी) सहित 337 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। राज्य में हुए चुनाव में कुल 37,83,580 लोगों ने मतदान किया था। कांग्रेस और भाजपा ने सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 42 उम्मीदवार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे।
आम आदमी पार्टी (आप) ने इस चुनाव से दूरी बनाए रखी। एग्जिट पोल में भाजपा के राज्य में लौटने के संकेत मिले थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है।
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