असम में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर मचे बवाल के बीच गृहमंत्री अमित शाह ने बिल में बदलाव के संकेत दिए है। अमित शाह ने झारखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, अभी नागरिकता संशोधन बिल आया है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा मुझे मिले, उनका आग्रह था की कुछ परिवर्तन करने पड़ेंगे। मैंने उन्हें कहा है की आराम से बैठ कर सकारात्मक रूप से सोच कर मेघालय की समस्या का समाधान निकालेंगे। किसी को डरने की ज़रुरत नहीं।
उन्होंने कहा, ” मैंने संगमा जी को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा है। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। ”मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।
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अमित शाह ने कांग्रेस पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘हम नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर आए हैं और कांग्रेस को पेट दर्द होने लगा है। वह उसके खिलाफ हिंसा भड़का रही है।’’ राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बस शोर मचा रहे हैं और उन्हें भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है और उन्होंने अपनी आंखों पर ‘इतालवी चश्मा’ लगा रखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की युवा ईकाई का एक जिलाध्यक्ष भी यह बता सकता है कि झारखंड में पांच साल के बीजेपी शासन में क्या-क्या विकास कार्य हुए और राहुल गांधी की कांग्रेस ने 55 साल के अपने शासन दौरान क्या कार्य किए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ राहुल गांधी और हेमंत सोरेन कहते हैं कि कश्मीर मुद्दा झारखंड चुनाव में क्यों महत्वपूर्ण है? इस राज्य के युवा देश की सीमा को सुरक्षित रख रहे हैं। लेकिन राहुल गांधी इतिहास नहीं जानते, क्योंकि उन्होंने आंखों पर इतालवी चश्मे लगा लिए हैं।’’