भारत कोरोना के लगातार बढ़ रहे प्रकोप के बीच कोरोना वैक्सीन की किल्लत से भी जूझ रहा है। 18-44 वर्ष के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान की शुरुआत में ही किल्लत के चलते कई राज्यों को रोक लगानी पड़ी। इसके बावजूद सरकारी सूत्रों का कहना है कि जुलाई तक स्थिति सामन्य हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बाद 18-44 वर्ष के लोगों की लगभग 95 करोड़ आबादी को दिसंबर तक टीका लगने की संभावना प्रबल हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम साल के अंत तक 18 साल से ऊपर की आबादी का टीकाकरण करने के लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे।” आपको बता दें कि भारत में फिलहाल तीन कंपनियों की वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। अधिकारी ने संभावित टीकों की उपलब्धता का ब्यौरा देते हुए कहा कि मई में यह संख्या 8.5 करोड़, जून में 10 करोड़, जुलाई में 15 करोड़, अगस्त में 36 करोड़, सितंबर में 50 करोड़, अक्टूबर में 56 करोड़, नवंबर में 59 करोड़ और दिसंबर में 65 करोड़ हो जाएगी।
उन्होंने टीका निर्माण की अनुमनित रफ्तार पर यह बात कही है। रूस द्वारा निर्मित स्पुतनिक वी की उपलब्धता के बारे में बताते हुए सूत्रों ने कहा कि मई में लगभग 60 लाख खुराक दिए जाने की उम्मीद है, इसके बाद जून में 1 करोड़, जुलाई में 2.5 करोड़ और अगस्त में 1.6 करोड़ की खुराक दी जाएगी। सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड की अनुमानित उपलब्धता जून में 6.5 करोड़, जुलाई में 7 करोड़, अगस्त में 10 करोड़ और सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में 11.5 करोड़ होने की उम्मीद है। जून में कोवैक्सिन की उपलब्धता 2.5 करोड़, जुलाई और अगस्त में 7.5 करोड़, सितंबर में 7.7 करोड़, अक्टूबर और नवंबर में 10.2 करोड़ और दिसंबर में 13.5 करोड़ रहने की संभावना है।