भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 8 महीने से सैन्य गतिरोध जारी है। इस बीच भारतीय नौसेना के मिग -29 K और अमेरिकी नौसेना के F-18s ने ‘मालाबार 2020’ के तहत अरब सागर और हिंद महासागर में युद्धाभ्यास करते दिख रहे हैं। लड़ाकू विमान भारतीय विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से उड़ान भरते और लैंडिंग करते हैं।
वहीं इससे पहले गुरुवार को हिंद महासागर क्षेत्र में चल रहे मालाबार नौसैनिक अभ्यास में भारतीय नौसेना के लड़ाकू विमानों, अन्य विमानों और आईएनएस विक्रमादित्य को इनके अमेरिकी समकक्षों के साथ समन्वय में युद्धाभ्यास करते देखा गया। भारतीय नौसेना के मुताबिक, भारतीय नौसेना के मिग 29के और समुद्री गश्ती विमान पी-8आई ने अमेरिकी नौसेना के एफ-18 और एईडब्ल्यू विमान ई2सी के साथ इन अभियानों में हिस्सा लिया।
भारतीय नौसेना ने कहा, “दोनों लड़ाकू विमानों ने एक समग्र स्ट्राइक पैकेज के रूप में काम किया और डिसिमिलर एयरक्राफ्ट कॉम्बैट ट्रेनिंग (डीएसीटी) अभ्यासों से परे जाकर विजुअल रेंज (बीवीआर) रणनीति का अभ्यास किया।” इन मुश्किल और एडवांस्ड रक्षा अभ्यासों और युद्धाभ्यासों और उनके हवा में संचालन की समानता के लिए दोनों एयरक्रूज के बीच उंचे दर्जे की समझ की जरूरत होती है।
नौसेनाओं का क्वाड एक अनौपचारिक सुरक्षा फोरम है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं। यह हिंद महासागर क्षेत्र में 17 नवंबर से 20 नवंबर तक विमान वाहक युद्ध समूहों के साथ नौसेना अभ्यास कर रहा है। बता दें कि 3 नवंबर से 6 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी में मालाबार अभ्यास का पहला चरण आयोजित किया गया था। मालाबार अभ्यास की यह श्रृंखला 1992 में भारत और अमेरिका के बीच एक वार्षिक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी। यह अभ्यास भारत-प्रशांत क्षेत्र में जमीन और समुद्र दोनों पर चीन के विस्तारवाद को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हुआ है।