भारत धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी को एंटीगुआ से स्वदेश लाने की संभावनायें तलाश रहा है। भारत इस देश के एक कानून के प्रावधानों के तहत यह संभावना देख रहा है। इसके तहत भगोड़े अपराधी को नामित राष्टूकुल देशों में प्रत्यर्पण का प्रावधान है।
विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में 3 अगस्त को एक गजट अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना के मुताबिक एंटीगुआ के कानून को अमल में लाकर मेहुल चोकसी को भारत वापस लाया जा सकेगा। भारत और एंटीगुआ के बीच सीधी द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
बिज़नेस बढ़ाने के लिए पिछले साल ली एंटीगुआ की नागरिकता : मेहुल चोकसी
एक सूत्र ने बताया, “एंटीगुआ और बारबुडा के प्रत्यर्पण अधिनियम 1993 के प्रावधान के अनुसार एक भगोड़े अपराधी को किसी प्राधिकृत राष्ट्रमंडल देश अथवा राज्य जिसके साथ द्विपक्षीय संधि हो अथवा सामान्य या विशेष व्यवस्था हो उसके तहत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।”
अधिसूचना में यह कहा गया है कि भारत के प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 को एंटीगुआ और बारबुडा पर 2001 की पिछली तिथि से लागू किया जाये। तब इस कैरिबियाई देश ने भारत को अपने प्रत्यर्पण कानून के तहत नामित राष्टूमंडल देशों में अधिसूचित किया था।
भारत ने एंटीगुआ को मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिये निवेदन भेजा है। मेहुल चोकसी भारत में अब तक के सबसे बड़े बैंक घोटाले में आरोपी है। इस समय वह एंटीगुआ में रह रहा है।