कोरोना काल में रेलवे ने ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ा एक बड़ा लक्ष्य तय किया है। रेलवे वर्ष 2021-22 में अपने ट्रांसपोर्टेशन को 20 फीसदी करना चाहती है। अगले साल 2023-24 में इसे बढ़ाकर 30 फीसदी तक ले जाना रेलवे का लक्ष्य है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ऑटोमोबाइल उद्योग के लीडर्स के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है।
रेल मंत्री की इस मीटिंग में सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) और ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें एसआईएएम से टाटा मोटर्स, हुंडई मोटर्स, फोर्ड मोटर्स महिंद्रा एंड महिंद्रा, होंडा इंडिया और मारुति सुजुकी लिमिटेड ने भी हिस्सा लिया। इनके साथ ऑटोमोबाइल फ्रेट ट्रेन ऑपरेटर्स (एफपीओएस) और ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
रेलवे ने ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ाने के लिए ऑटोमोबाइल ट्रैफिक को टर्मिनल चार्ज के भुगतान से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही इस साल ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्टेशन के लिए 7 नए टर्मिनल भी शुरू किए गए हैं। बता दें कि वर्ष 2013-14 में रेलवे का ऑटोमोबाइल ट्रांसपोर्टेशन 429 रैंक था जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 159 रैंक हो गया। इस साल के पहले 6 महीनों में (अप्रैल से सितंबर) में रेलवे ने 836 रैंक ऑटोमोबाइल का ट्रांसपोर्टेशन किया है जो कि पिछले साल के 731 रैंक के मुकाबले काफी ज्यादा है।