भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन, जानें कैसे पहुंची शिखर तक - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन, जानें कैसे पहुंची शिखर तक

NULL

मोदी सरकार में निर्मला सीतारमन को प्रमोट कर रक्षा मंत्री बनाया गया है। आजादी के बाद देश को पहली बार पूर्ण कालिक महिला रक्षामंत्री मिली हैं। इससे पहले साल 1975 और 1980-82 के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार था। बहरहाल, वर्तमान में भारत अकेला देश नहीं है, जहां रक्षा मंत्री कोई महिला है। कुल मिलाकर अभी भारत समेत 16 देश ऐसे हो गए हैं, जहां महिला रक्षा मंत्री हैं।

Nirmala1

Source

तिरुचिरापल्ली में रेलवे कर्मचारी के घर जन्म

Nirmala2

Source

निर्मला सीतारमन का जन्म 18 अगस्त 1959 में तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ। उनके पिता रेलवे में नौकरी करते थे और मां गृहणी थी। पिता के अनुसाशन और मां के किताबों के प्रति प्यार का असर उनके जीवन पर भी हुआ। निर्मला सीतारमन ने अपना ग्रेजुएशन तिरुचिरापल्ली में किया। इसके बाद मास्टर्स के लिए वे दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय आ गईं। साल 1986 में पराकला प्रभाकर से शादी के बाद वे लंदन शिफ्ट हो गईं। वहां कॉर्पोरेट के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल करने के बाद वे 1991 में भारत वापस आ गईं।

पति और परिवार कांग्रेस समर्थक फिर ज्वाइन की बीजेपी

Nirmala3

Source

निर्मला सीतारमन के पति और परिवार का झुकाव कांग्रेस की ओर था इसके बावजूद उन्होंने साल 2006 में बीजेपी ज्वाइन किया। अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में वे रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में बीजेपी की प्रवक्ता बनीं। लंदन में हासिल की गई अपनी उपलब्धियों के दम पर पार्टी में लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ती चली गईं। साल 2010 में जब पार्टी की कमान नितिन गडकरी के हाथ में आई तब उन्हें बीजेपी का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया गया। उन्होंने कई मुद्दों पर पार्टी का बचाव किया और नेतृव की तारीफ की।

पहली बार आंध्र प्रदेश से राज्यसभा पहुंची

Nirmala4

Source

निर्मला सीतारमन को बीजेपी ने पहली बार आध्र प्रदेश से राज्यसभा भेजा। यह सीट टीडीपी के एन जनार्दन रेड्डी की मृत्यु के बाद खाली हुई थी। बीजेपी की सहयोगी होने के चलते टीडीपी ने यह सीट निर्मला सीतारमन को ऑफर की। वर्तमान में वे कर्नाटक से राज्यसभा मेंबर हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने महत्वपूर्ण किरदार अदा किया था। इस चुनाव में उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्हें मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया।

कमजोरी को भांपकर उस पर किया काम

Nirmala5

source

दक्षिण भारत से होने के कारण उनकी हिंदी कमजोर थी। इस बात का उन्हें अहसास था। राजनीति में लगातार मेहनत के साथ ही उन्होंने अपनी हिंदी पर भी काम किया और भाषा पर पकड़ बना ली। निर्मला सीतारमन के बारे में कहा जाता है कि वे अपनी प्रेस रिलीज खुद लिखती हैं। मीडिया में कुछ भी जाने से पहले उसे एक बार एडिट जरूर करती हैं। राजनीतिक जीवन के इतर वे संगीत की बेहद शौकीन हैं। वे कृष्ण के भजन सुनना पसंद करती हैं। राजनीतिक जीवन और पारिवारिक जीवन में बैलेंस बनाना भी उन्हें बखूबी आता है।

भारत समेत 16 देशों के महिला रक्षा मंत्री हैं :-

Nirmala6

  • भारत – निर्मला सीतारमन अब रक्षा मंत्रालय संभालेंगी। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश होने के बाद इस बात की जरूरत महसूस की जा रही थी कि अतिरिक्त प्रभार के स्थान पर पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नियुक्त किया जाए।
  • बांग्लादेश – बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रक्षामंत्री के तौर पर सबसे अनुभवी महिला हैं। 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनी शेख हसीना ने रक्षा मंत्रालय भी अपने पास रख पांच साल 33 दिन का कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद 2009 में प्रधानमंत्री बनने के साथ वह अब तक रक्षा मंत्रालय की कमान भी अपने हाथों में लिए हुए हैं।
  • दक्षिण अफ्रीका – एनएम नकुला इस समय यहां की रक्षामंत्री हैं।
  • नीदरलैंड – जेनी हेन्निस नवंबर 2012 से यहां के रक्षामंत्रालय की कमान संभाले हुए हैं। पीपल्स पार्टी फॉर फ्रीडम एंड डेमोक्रेसी की यह नेता ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म समिति की सदस्य भी रह चुकी हैं।
  • निकारागुआ – मारथा सेविला 4 साल से ज्यादा समय से रक्षा मंत्री के पद पर हैं। वैसे निकारागुआ ऐसा देश है जहां 1990 से अब तक रक्षा मंत्री पद पर महिला ही रही हैं।
  • केन्या- आर. ओमामो केन्या की रक्षामंत्री हैं। उन्होंने मई 2013 में यह पद संभाला था।
  • अल्बेनिया- एम कोढेली तीन साल से यह जिम्मेदारी निभा रही हैं।
  • नार्वे- नार्वे की रक्षामंत्री एनएमई सोर्रडिया हैं, जो तीन साल यह कमान संभाले हुए हैं।
  • जर्मनी – उर्सुला वॉन डेर लेयेन साल 2013 से जर्मनी की पहली महिला रक्षा मंत्री बनी थीं। 7 बच्चों की मां उर्सुला पेशे से चिकित्सक रही हैं। वे 1999 में राजनीति में आई थीं।
  • इटली – रोबर्टा पिनोटी एक सफल महिला रक्षा मंत्री हैं। मॉर्डन साहित्य में डिग्री लेने के बाद रोबर्टा ने इटली के हाई स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया था।
  • बोस्निया और हर्जेगोविना- मारिना पेंड के हाथों में फरवरी 2015 से यहां के रक्षा मंत्रालय की कमान है।
  • स्लोवेनिया – आंद्रेजा कटिक मई 2015 से यहां की रक्षा मंत्री हैं और चुनौतियों से कामयाबी पूर्वक निपट रही हैं।
  • आस्ट्रेलिया – मेरिस पेन को 21 सितंबर 2015 को रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। सिडनी में जन्मीं मेरिस लॉ और आर्ट में ग्रेजुएट हैं।
  • स्पेन – मारिया डोलारेस पीपुल्स पार्टी की सेक्रेटरी जनरल होने के साथ ही देश की रक्षा मंत्री भी हैं।
  • मैसीडोनिया – रेडमिला जून 2017 से यहां की डिफेंस मिनिस्टर हैं।
  • फ्रांस – फ्लोरेंस पार्ले फ्रांस आर्म्ड सर्विस की मंत्री हैं। सन 2000 से 2002 के बीच पार्ले जूनियर बजट मिनिस्टर थीं। उन्होंने एयर फ्रांस में डिप्टी जनरल डायरेक्टर के पद पर कार्य किया है।
  • श्रीलंका ने की थी शुरुआत – दुनिया में पहली बार रक्षामंत्री की कमान महिला के हाथ में देने की पहल सीलोन (1972 से पहले श्रीलंका का नाम) ने 1960 में की थी। तत्कालीन महिला प्रधानमंत्री सिरिमाओ भंडारनायके ने यह मंत्रालय अपने पास ही रखा था। इसके बाद वह 1970 से 1977 तक दोबारा प्रधानमंत्री बनी और रक्षामंत्री का प्रभार अपने पास रखा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।