भारत की केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच चल रहे घमासान के बीच आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दोहरे मानक की अनुमति नहीं दी जाएगी। आईटी मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “यह ट्विटर हो, फेसबुक हो, लिंक्डइन हो या वाट्सऐप हो, अगर कोई भी प्लेटफॉर्म ऐसा कुछ करेंगे तो कार्रवाई की जाएगी।”
बता दें कि 26 जनवरी को राजधानी में हुई हिंसा को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सरकार ने कहा था कि खालीस्तानी और पाकिस्तान की ओर से समर्थित भारत के खिलाफ चल रहे ट्विटर अकाउंट्स को बंद किया जाए। गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में आदेश का पालन ना करने पर आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए (3) के तहत कार्रवाई भुगतने की चेतावनी देने की भी बात केंद्र सरकार ने कही थी।
इसी ममले पर बोलते हुए आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत सरकार के कड़े रूख से परिचित करा दिया है। आईटी मंत्री ने कहा, “भारत में काम करें। आपके यहां लाखों फॉलोवर्स हैं। पैसा कमाएं लेकिन आपको भारतीय कानूनों और संविधान का पालन करना होगा।”
उन्होंने कहा, “हमने अब ट्विटर को हरी झंडी दे दी है। हमारे विभाग ट्विटर के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसलिए मैं इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं और सदन में यह सवाल उठाना चाहता हूं कि यह मुद्दा क्या है कि जब यूएस कैपिटल हिल में हिंसा हुई तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पुलिस जांच के साथ खड़े रहे लेकिन, जब लाल किले पर हिॆसा हुई तो वही प्लेटफॉर्म भारत सरकार के खिलाफ चले जाते हैं। लाल किला हमारे गौरव का प्रतीक है। हम इस दोहरे मापदंड की अनुमति नहीं देंगे। यह क्या है? आप नरसंहार ट्रेंड कर रहे हैं?”
आईटी मंत्री ने कहा, “हम सोशल मीडिया का बहुत सम्मान करते हैं। इसने आम लोगों को सशक्त बनाया है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। लेकिन अगर इस सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत जगह या फर्जी खबरें आदि फैलाने के लिए किया जाता है, तो सोशल साइट्स का दुरूपयोग करने पर और देश की जनता को गुमराह व भड़काने के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।”