भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर महीनों से सैन्य गतिरोध बरकरार है और दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इस बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में ITBP के 55 बटालियन कमांडर कमांडेंट आईबी झा ने कहा कि “हमारा देश को आश्वासन है कि मातृभूमि पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देनी है। इसके लिए हमारे जवानों में जोश है।”
उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में ITBP के जवानों ने जमकर लोहा लिया था। मेरे जवान हैं, उनके मन में ये भावना है कि साहब उनको मौका मिल गया, हमको नहीं मिला। हमारी तैयारी इस स्तर की है कि अगर अवसर मिलेगा तो जो वीरता वहां पर उन्होंने दिखाई है, उससे ज्यादा वीरता दिखाने के लिए हम यहां पूरी तरह तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा आक्रामकता जैसी घटनाएं जब होती हैं, तो हमें हाई अलर्ट मोड पर रहना पड़ता है ताकि ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं न हों और यहां कुछ भी होना आश्चर्य की बात नहीं है।” उन्होंने कहा कि जैसा कि अत्यधिक ठंड की स्थिति है जो चीजों को कठिन बना देती है, लेकिन हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हैं।”
कमांडेंट आईबी झा ने कहा कि चीन की जहां से भी आने की संभावना है हम उन सभी जगहों पर तैनात हैं हमारे सैनिक उन सभी जगहों पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। कोई भी घटना न घटे इसके लिए हमने पूरी तैयारी की हुई है। गौरतलब है कि तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर आक्रामक कदम उठाए, 30 अगस्त को भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर महत्वपूर्ण पहाड़ी क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया, जिसमें रेचिन ला, रेजांग ला, मुकपरी शामिल थे।
विवादित भारत-चीन सीमा के पास महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों और दर्रो पर तापमान शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच गया है, जो दोनों पक्षों के हजारों सैनिकों के लिए नई चुनौती है। भारत और चीन एलएसी पर नौ महीने लंबे गतिरोध में लगे हुए हैं। कई स्तरों की वार्ता के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है।