सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विपक्ष पर जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद से नदारद रहने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में बुधवार को कहा कि भारतीय श्रम क्षेत्र के इतिहास में आज ऐतिहासिक दिन है और आजादी के 74 सालों के बाद श्रमिकों को न्याय दिया जा रहा है।
जावड़ेकर ने राज्यसभा में सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, विधेयक 2020 की चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि ये ऐतिहासिक विधेयक हैं जिनसे देश के 50 करोड़ मजदूरों को सामाजिक , स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा उपलब्ध होगी।
विपक्षी दलों की गैर मौजूदगी में राज्यसभा ने श्रमिकों के कल्याण और उनके अधिकारों को मजबूत करने वाले तीनों विधेयकों को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ इन तीन विधेयकों पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है। जावड़ेकर ने कहा, “ विपक्ष एक बार फिर नदारद है। ये जनता से कट गये हैं।” उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के जरिए बागान मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित की गयी है।
गौरतलब है कि संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी।
राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस दौरान आठ विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस सहित विपक्ष के ज्यादातर सदस्यों ने सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया। लोकसभा ने इन तीनों संहितों को मंगलवार को पारित किया था और अब इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।