विमानन कंपनी जेट एयरवेज करीब एक साल से अधिक समय से नकदी संकट के चलते अपनी सेवाओं को निलंबित कर चुकी है। वहीं जानकारी के मुताबिक कंपनी ने ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत विदेश में फंसे भारतीयों को भारत लाने के लिए अपने दो बोइंग विमानों की पेशकश की है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में यह पेशकश की गयी है।
विमानन कंपनी इस समय दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और इसके मामलों का प्रबंधन दिवालिया समाधान पेशेवर आशीष छावछरिया कर रहे हैं। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) लागू कर रहा है।छावछरिया ने दो विमानों की पेशकश के अलावा इन उड़ानों के लिए धन की आवश्यकता का भी उल्लेख किया है।
उन्होने 20 मई को कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास को लिखे एक पत्र में कहा कि वंदे भारत मिशन के लिए दो बोइंग 777-300 ईआर का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी इच्छानुसार, मैंने यह मूल्यांकन किया है कि जेट एयरवेज अपने बोइंग 777-300 ईआर विमान बेड़े के जरिए विभिन्न देशों में (कोविड-19 महामारी के कारण) फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार (वंदे भारत मिशन के तहत) की सहायता कर सकता है।’’
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पत्र में लिखा है, ‘‘प्रारंभिक आकलन के आधार पर मुझे पूरा विश्वास है कि वंदे भारत मिशन में भाग लेने के लिए जेट एयरवेज दो बोइंग 777-300 ईआर विमान के साथ शुरुआत कर सकता है, जिसे चार विमानों तक बढ़ाया जा सकता है।’’ इस पेशकश की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। श्रीनिवास और छावछरिया टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। इस समय जेट एयरवेज के पास 12 विमान हैं।
बता दें कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण विभिन्न देशों में फंसे अपने नागरिकों को भारत “वंदे भारत अभियान” के तहत वापस ला रहा है। सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ के दूसरे चरण में 12 और देशों को शामिल करते हुए इसकी अवधि 13 जून तक कर दी है। पहले वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण 17 मई से शुरू हुआ था। इसमें पहले 31 देशों को शामिल किया गया था। इस प्रकार अब दूसरे चरण में कुल 43 देशों से अपने नागरिकों को निकाला जायेगा।