सरायकेला खरसावां (झारखंड) : भीड़ हिंसा का शिकार हुए 24 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के मामले में 11 व्यक्तियों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि कथित चोरी को लेकर इस युवक के साथ भीड़ ने मारपीट की थी और इस घटना का एक कथित वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ लोग पीड़ित को ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए विवश करते हुए दिख रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि तबरेज अंसारी की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है जिसे जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में 22 जून को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था।
घटना के संबंध में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। वे खरसावां और सिनी पुलिस थानों के प्रभारी अधिकारी थे।
सरायकेला खरसावां के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्तिक एस ने कहा कि 17 जून को अंसारी और दो अन्य चोरी की मंशा से रात को सरायकेला गांव के एक घर में घुसे।
हालांकि, घर में रहने वाले लोग जाग गए और चिल्लाने लगे जिसके बाद गांव वालों ने अंसारी को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की जबकि उसके साथी फरार हो गए।
एसपी ने संवाददाताओं से कहा कि अंसारी के पास से कुछ बेशकीमती सामान बरामद हुए, जो उसने और उसके साथियों ने अन्य गांवों से कथित तौर पर चुराये थे।
पुलिस सुबह मौके पर पहुंची और गांववालों की शिकायत के आधार पर अंसारी को जेल ले गई। इससे पहले उसे प्राथमिक उपचार दिया गया।
हालांकि, एसपी ने बताया कि जेल में ही उसकी हालत बिगड़ गई और उसे सदर अस्पताल ले जाया गया जहां मालूम हुआ कि उसे बहुत चोटें आईं हैं।
अंसारी को बाद में जमशेदपुर के टाटा मेन अस्पताल ले जाया गया।
इससे पहले पुलिस ने कहा कि अंसारी को एक खंभे से बांध कर रात भर लाठियों से पिटाई की गई।
एसपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो पुलिस को अंसारी के परिवार ने उपलब्ध कराया है और इसकी जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी पहलुओं को देख रहे हैं। अंसारी के परिवार के सदस्यों ने अपनी शिकायत में कुछ अज्ञात शरारती तत्वों का जिक्र किया है। उसके आधार पर, हम पहले ही पापु मंडल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि स्थति सामान्य है, इसके बावजूद गांव में पुलिस की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली है।
अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने पुलिस पर उसे पहले अस्पताल ले जाने की बजाए जेल ले जाने का आरोप लगाया।
अंसारी से हाल ही में परवीन का निकाह हुआ था। उसने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘पुलिस को उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने से पहले अस्पताल ले जाना चाहिए था।’’
इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि उसने घटना की जांच के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हम मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और उसकी पत्नी को नौकरी दिए जाने की मांग करते हैं।’’
इस घटना पर देश भर की विभिन्न राजनीतिक पार्टियां आक्रोश जाहिर कर रही हैं।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा शासित झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी। हिंदू भीड़ ने उसे बेरहमी से मारा-पीटा क्योंकि उसने ‘जय श्री राम’ बोलने से इनकार कर दिया था। क्या यह एनडीए-दो का नया भारत है? ये कौन सा तरीका है सबका विश्वास जीतने का?’’
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऐसी घटनाएं अब आम हो गई हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लिंचिंग के लगभग सभी मामले ऐसे ही होते हैं। पहले एक मुस्लिम की गो प्रेमियों ने हत्या की। फिर सबसे बेहूदा बहाना शुरू हुआ : गोमांस रखने का ‘संदेह’,चोरी, तस्करी और लव जिहाद। सबका विश्वास जीतने के लिए इतना किया जा रहा है कि महज ‘शक’ के आधार पर हमें मारा जा रहा है।’’
इस घटना का राज्यसभा में भी उल्लेख हुआ जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि झारखंड ‘‘भीड़ हिंसा का अड्डा’’ बन गया है।
आजाद ने कहा, ‘‘दलितों एवं मुस्लिमों की वहां हर हफ्ते हत्या हो रही है। प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी हम ‘सबका साथ सबका विकास’ की लड़ाई में आपके साथ हैं लेकिन लोगों को यह दिखना चाहिए। हमें यह कहीं नहीं दिख रहा।’’