कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गया पांचवां दल अपनी यात्रा संपन्न कर मंगलवार को सकुशल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला पहुंच गया। अन्य दल भी अपने अगले पड़व की और निकल पड़ हैं।
उच्च हिमालयी क्षेत्र से होकर गुजरने वाली देश की ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा कुशलता पूर्वक संचालित हो रही है। मानसून एवं अतिवृष्टि का कैलाश मानसरोवर यात्रा पर कोई खास असर नहीं है।
राज्य के लिपूलेख दर्रे से होकर गुजरने वाले कैलाश यात्रा के पहले दल को पिछले महीने 12 जून को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। अभी तक कैलाश यात्रियों के नौ दल कैलाश दर्शन के लिये जा चुके हैं। उनमें से पहले चार दल यात्रा सम्पन्न कर वापस दिल्ली लौट चुके हैं।
पांचवां दल भी कैलाश की परिक्रमा पूरी कर सकुशल वापस भारत लौट आया है। 56 सदस्यीय यह दल सोमवार शाम को पहले आधार शिविर धारचूला पहुंच गया। दल में 12 महिला यात्री भी शामिल हैं। दल आज को जागेश्वर धाम पहुंचेगा और जागेश्वर धाम के दर्शन कर अगले दिन बुधवार को दिल्ली के लिये रवाना हो जायेगा।
पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार छठवां दल चीन अधिकृत कुग्गू की यात्रा पर है। दल ने निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज कूग्गू में विश्राम किया। सातवां दल आज सुबह कुग्गू से तकलाकोट के लिये रवाना हुआ है। आठवें दल के यात्री भी सुबह पहले आधार शिविर गूंजी से कालापानी के लिये रवाना हुए। यह दल दोपहर तक कालापानी पहुंचा। इसी प्रकार नौवां दल धारचूला से चलकर देर शाम को अगले पड़व बूंदी पहुंच गया है। 54 सदस्यीय यह दल कल धारचूला पहुंचेगा और दो दिन बाद दिल्ली पहुंचेगा।
पिथौरागढ़ प्रशासन की कैलाश यात्रा को लेकर अधिक सतर्क है। प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर लगातार नजर रखी जा रही है। यात्रा संचालित करने वाली एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम के नोडल अधिकारी जी.एस.
मनराल ने बताया कि यात्रा पर अतिवृष्टि का कोई असर नहीं है। यात्रा विधिवत् तरीके से संचालित हो रही है। प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर हर दो किलोमीटर में जेसीबी मशीन तैनात कर रखी है।