देश में कोरोना संकट के बीच पिछले कुछ दिनों से घरेलू उड़ानों की शरुआत की गई है। इस शुरुवात के बाद अनेक उड़ानों में कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई जिसके बाद ऐहतियात के तौर पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के तरफ से सोमवार को अहम गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार एयरलाइंस इस तरह से सीटें आवंटित करें कि मध्य सीट खाली रहे, यदि ऐसा नहीं हो पता है तो मध्य सीट के यात्री को सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान किया जाना चाहिए।
इस दिशा-निर्देश के मुताबिक एयरलाइंस उड़ानों में सीटों का आंवटन इस तरह से करें कि जहां तक मुमकिन हो बीच की सीट खाली रखी जाए। मंत्रालय ने कहा कि अगर उड़ान में यात्री को बीच की सीट आंवटित की जाती है तो यात्री को सुरक्षात्मक उपकरण मुहैया कराया जाए। गाइडलाइन के मुताबिक ऐसे यात्रियों को मास्क और फेस शील्ड के अलावा शरीर को कवर करने वाला गाउन भी दिया जाए।
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डीजीसीए के ये निर्देश देश में तीन जून से लागू होंगे। इसमें एयरलाइंस को सभी यात्रियों को सुरक्षा किट प्रदान करने के लिए कहा गया है जिसमें तीन-लेयर सर्जिकल मास्क, फेस शील्ड और पर्याप्त सैनिटाइजर शामिल है। गाइडलाइन एयरलाइंस को सभी फ्लाइट को उड़ान से पहले और बाद में सैनिटाइज करने के लिए कहा गया है।
उड़ानों में बीच की सीटों को खाली रखने या नहीं रखने की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 25 मई को कहा था कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) यात्रियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में अपने मानदंडों में बदलाव करने के लिए स्वतंत्र है।
डीजीसीए ने सोमवार को अपने आदेश में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “विमानन कंपनियां सीटों को इस तरह से आवंटित करेंगी कि दो यात्रियों के बीच की सीट खाली रखी जाए, अगर यात्री भार और सीटों की क्षमता अनुमति देती हो।’’ उसने हालांकि कहा कि एक ही परिवार के सदस्यों को साथ बैठने की अनुमति दी जा सकती है।