देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के प्रयास में पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है जिसके कारण देश के कई हिस्सों में अलग-अलग राज्यों के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं। लॉकडाउन के कारण अलग अलग राज्यों से प्रवासी श्रमिक जैसे भी संभव हो उसी प्रकार से अपने घर पलायन करने को मजबूर हैं चाहे पैदल ही अपने घर क्यों न जाना पड़े।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान देशभर में प्रवासी मजदूरों सहित दस हजार लोगों को खाना, पानी और अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराई। प्राधिकरण के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के मुताबिक 17 मई तक एनएचएआई ने प्रवासी मजदूरों सहित 10,000 लोगों को खाने के पैकेट, पीने का पानी, फल, चावल और अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराई। इसके साथ ही जरूरी सामान, चिकित्सा सेवाओं का सड़कों के जरिये आवागमन सनुश्चित किया गया।
कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के साथ ही देश में जैसे ही लॉकडाउन शुरू हुआ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने एनएचएआई को संकट में फंसे लोगों को खाना, पानी और जरूरी सहायता उपलबध कराने के निर्देश दिये थे। एनएचएआई ने कहा कि उसने 17 मई तक प्रवासी कामगारों सहित 10,017 लोगों को खाना, पानी और दूसरी सहायता उपलब्ध कराई। यह सहायता एनएचएआई की बेंगलूरू, भोपालन, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, गांधीनगर, गुवाहटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कोलकाता, भुवनेश्वर, मदुरई, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, रांची, तिरुवनंतपुरम, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और विजयवाड़ा कार्यालयों ने उपलब्ध कराई।
प्राधिकरण ने कहा है कि खाने के पैकेट के अलीावा पीने का पानी, फल, चावल, गेहूं और अन्य राशन, मास्क और सेनेटाइजर भी लोगों के बीच वितरित किये गये। इनमें ट्रक ड्राइवर से लेकर सड़कों पर चलने वाले प्रवासी भी शामिल थे। एनएचएआई ने कहा है कि जहां देश एक तरफ कोविड- 19 के बाद आर्थिक मोर्चे पर अपनी लड़ाई लड़ रहा है, वहीं एनएचएआई देश में सड़कों और राजमार्गों का व्यापक ढांचा तैयार कर पृष्टभूमि में रहते हुये देश की सेवा में लगा रहेगा। एनएचएआई ने अब तक देश में 38,000 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित किया है।