Maharashtra: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कपास आयात पर प्रतिबंध की मांग

नाना पटोले ने पीएम मोदी से कपास आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की
Maharashtra: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कपास आयात पर प्रतिबंध की मांग
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Maharashtra: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने केंद्र सरकार से कपास के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि इससे किसान प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि कपास की खरीद 7,122 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाए।

कपास उत्पादन के मामले में देश में दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में पटोले ने कहा कि कपास उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र के 40 लाख से अधिक किसान कपास की खेती करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में पर्याप्त कपास उत्पादन के बावजूद 22 लाख गांठ कपास के आयात की खबरें हैं। इससे घरेलू स्तर पर कपास की कीमतों में भारी गिरावट की संभावना है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के पास भी कपास का बड़ा स्टॉक है। पटोले ने कहा कि किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए केंद्र को कपास के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए और सीसीआई को गारंटी वाले मूल्य पर कपास खरीदने का निर्देश देना चाहिए।

MSP से भी कम हुआ कपास का मूल्य

नाना पटोले ने आगे कहा कि मौजूदा कपास की कीमत 6,500 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है, जो 7,122 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बाजार में कम कीमत के कारण किसान अपनी कपास बेचने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि कपास का स्टॉक किसानों के साथ-साथ सीसीआई के पास भी है। पटोले ने कहा कि जब देश में पहले से ही इतना बड़ा स्टॉक है, तब कपास का आयात करने से कपास बाजार ध्वस्त हो जाएगा, जिससे किसानों पर काफी असर पड़ेगा और केवल व्यापारियों को फायदा होगा।

19 लाख हेक्टेयर में कपास को नुकसान- कांग्रेस नेता

नाना पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में कपास किसान पहले से ही कम कीमतों, कृषि उपकरण पर 12 से 18 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और बेमौसम बारिश के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रतिकूल मौसम ने इस साल 19 लाख हेक्टेयर में कपास को नुकसान पहुंचाया है और केंद्र सरकार द्वारा घोषित मुआवजे की राशि केवल कागजों तक ही सीमित है। पटोले ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के बजाय बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाती है।

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