वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए हम सभी 21 वीं सदी के बौद्ध को बनायें प्रेरणा : दलाई लामा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए हम सभी 21 वीं सदी के बौद्ध को बनायें प्रेरणा : दलाई लामा

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने बुद्धपूर्णिमा पर अपने संदेश में कोरोना वायरस के संकट के संदर्भ में बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया को ‘एक मानव परिवार’ के रूप में एकजुट होकर वैश्विक, समन्वित प्रयास के माध्यम से चुनौतियों का सामना करना चाहिए।

तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने बुद्धपूर्णिमा पर अपने संदेश में कोरोना वायरस के संकट के संदर्भ में बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया को ‘एक मानव परिवार’ के रूप में एकजुट होकर वैश्विक, समन्वित प्रयास के माध्यम से चुनौतियों का सामना करना चाहिए। दलाई लामा ने अंतर-धार्मिक समझ को बढ़ावा देने का आग्रह किया और रेखांकित किया कि सभी मजहब लोगों की खुशहाली को बढ़ावा देते हैं। 
महामारी का जाहिर तौर पर हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया इस समय गंभीर संकट का सामना कर रही है। जब हम अपने स्वास्थ्य के लिए खतरे का सामना करते हैं और हमारे बीच से जा चुके हमारे परिवार के सदस्यों और दोस्तों के लिए दुखी होते हैं, तब हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हमें मानव परिवार के सदस्यों के रूप में क्या एकजुट करता है। 
उन्होंने कहा ” हमें करुणा के साथ एक-दूसरे तक पहुंचने की आवश्यकता है, क्योंकि केवल समन्वित, वैश्विक प्रयास के तहत एक साथ आकर ही हम सामने आने वाली अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर पाएंगे।” यहां उनके घर से जारी हुए संदेश में दलाई लामा ने कहा कि तेजी से अन्योन्याश्रित होती दुनिया में, हमारी खुद की भलाई और खुशी दूसरे लोगों पर निर्भर है। 
उन्होंने कहा, ”आज, हमारे सामने आने वाली चुनौतियों के लिए हमें मानवता की एकता को स्वीकार करने की जरूरत है। हमारे बीच सतही अंतर को मिटाना होगा, नालंदा विश्वविद्यालय में जिस तरह से बौद्ध धर्म को पढ़ा और पढ़ाया गया था, वह तर्क निहित था और भारत में अपने विकास के शीर्षबिंदु का प्रतिनिधित्व करता है।”  
उन्होंने कहा कि बुद्ध की शिक्षा 2,600 साल बाद भी प्रासंगिक हैं। दलाई लामा ने कहा कि वह खुद को नालंदा परंपरा का एक हिस्सा समझते हैं। आध्यात्मिक नेता ने कहा कि अगर हमें 21 सदी का बौद्ध बनना है , तो यह जरूरी है कि हम पढ़ें और बुद्ध की शिक्षाओं का विश्लेषण करें न कि सिर्फ धर्मावलंबी बन जायें।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।