पिछले साल ही बिहार सरकार द्वारा देशरत्न डा. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को मेधा दिवस के रूप में मनाया गया। इस साल पूरे बिहार में बाबू की जयंती मेधा दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है। जिसका पहली बार मेधा दिवस का उदघाटन करते राजधानी के ज्ञान भवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से मांग किया कि बाबू क जयंती मेधा दिवस के रूप में मनाया जाये। उन्होंने आज बिहार छात्रवृत याजना को मेधा छात्रवृति योजना नाम रखने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति राजेन्द्र बाबू मेधावी छात्र थे उनका इतिहास में यह कहा जाता है कि जब उन्होंने परीक्षा देने के बाद कॉपी करने के लिए भेजा गया तो कॉपी में लिखकर दे दिया कि इस कॉपी में कहीं भी गलियां नहीं नहीं है। राजेन्द्र बाबू की लड़ाई भी भुलाया नहीं जा सकता। जब राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त हो गया तो वे दिल्ली में भी रह सकते थे क्योंकि पूर्व राष्ट्रपतियों को दिल्ली में आलिशान बंगला मिलता था। मगर वे वहां नहीं रहकर पटना चले आये। जहां पर पश्चिमी चम्पारण आन्दोलन की शताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया जाा रहा है।
वहीं गांधी जी जब बिहार दौरे पर आये थे तब राजेन्द्र बाबू के आश्रम गये थे लेकिन उनसे मुलाकाम नहीं हुई थी वे बाहर चले गये थे उसी क्रम में चम्पारण चले आये थे। जहां पर किसानों ने नील के लिए संघर्ष किया था बाद में बापू ने राजेन्द्र बाबू को बुलाया, क्योंकि वे भी एक अच्छे वकील थे। बिहार सरकार शिक्षा बजट के लिए 20 प्रतिशत देती है मगर बिहार में जो स्कूल बना है उससे मैं अब भी संतष्ट नहीं हॅू। जब हमारी सरकार आयी तो उन्हें स्कूल पहुचाने का काम किया।
गरीब मां-बाप गरीबी के कारण बच्चे को पोशाक नहीं सकते थे जिसके कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते थे इसके लिए पोशाक योजना की शुरूआत की। बिहार में मैट्रिक के बाद लड़कियां स्कूल नहीं जाती थी उनके लिए मैंने साइकिल योजना का शुरूआत की। साइकिल योजना को देखकर लड़के लोग भी नाखुश थे उन्ळोंने कहा कि हमें भी साइकिल चाहिए तो लड़कों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की। उन्होंने बताया कि बिहार ज्ञान की भूमि है।
महात्म गांधी, महात्मा बुद्ध गुरू गोविन्द सिंह, आर्यभटट नालंदा महाविद्यालय, महावीर की भूमि है। उन्होंने मधुबनी के श्री मिश्रा जी के बारे में कहा कि छह साल पहले कहा जाता था कि हम तुमकों पढ़ायेंगे और आपको दस लोगों को पढ़ाना होगा। उस समय शिक्षा प्राप्त करने के लिए कितने संघर्श करना पड़ा होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने औरंगाबाद, कटिहार, पटना, कैमूर, गोपालगंज, जमुई, नालंदा, प. चम्पारण, बेगूसराय, मधेपुरा एवं वार्षिक, माध्यमिक तथा इंटरमीडिए परीक्षा 2017 में स्वच्छ एवं कदाचार परीक्षा के लिए जिलाधिकारी को भी पुरस्कृत किया गया।
आज मुख्यमंत्री इंटरमीडिए कला संकाय के उत्सुक छात्रों को सम्मानित किया। जिसमें सुमन कुमार मिश्रा, शिव जी शर्मा, अखिलेश तिवारी, नागेन्द्र ठाकुर, दिलीप रजक, सुरेश प्रसाद मालाकार, वहीं विज्ञान संकाय के छात्र अभिय कुमार रामनरेश सिंह, विष्णुदेव प्रसाद,आदि शामिल थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भी प्रदान की गयी।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।