बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती आज सहारनपुर के मुद्दे पर बुरी तरह भड़क गईं और राज्यसभा से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली। उन्होंने उपसभापति द्वारा इस मुद्दे पर बोलने का समय न देने के विरोध में सदन से इस्तीफे की धमकी दी और वहां से उठकर चली गईं।मायावती ने यहां तक कहा कि जिस सदन में वो अपने समाज के हित की बात नहीं रख सकतीं उस सदन का सदस्य बने रहना उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।
दरअसल, मायावती यूपी के सहारनपुर में दलितों के खिलाफ हुए अत्याचार के मुद्दे पर अपनी बात रख रही थी। करीब तीन बोल चुकी थी जिसके बाद चेयर ने उन्हें अपनी बात रोकने को कहा, लेकिन मायावती बोलने के लिए और वक़्त दिए जाने पर अड़ी रही, लेकिन डिप्टी चेयरमैन ने उन्हें मौका नहीं दिया। इसके बाद वो काफी गुस्से में आ गईं और राज्यसभा से इस्तीफे की धमकी दे डाली। दलित अत्याचार के मुद्दे को उठाते हुए मायावती ने कहा, “अगर मुझे अभी बोलने का मौका नहीं दिया गया तो मैं इस्तीफा दे दूंगी” मायावती ने उपसभापति से कहा कि ये जीरो ऑवर नहीं है फिर कैसे उनकी बात महज तीन मिनट तक सीमित की जा सकती है।
मायावती के इस तेवर को देख सरकार की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी खड़े हुए। नकवी ने कहा कि माया सियासी हताशा में उपसभापति पर हमला कर रही हैं और सीधे-सीधे धमकी दे रही हैं जो बिल्कुल सही नहीं है। नकवी ने कहा कि माया किसी समाज की बात नहीं रख रहीं बल्कि सिर्फ सियासत कर रही हैं।
दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद ने मायावती का समर्थन किया और उनके समर्थन में पार्टी के सभी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। मायावती के सदन से निकलने के बाद विपक्षी पार्टियों ने मायावती के समर्थन में नारे लगाए और सदन की कार्यवाही को बाधित किया। लेकिन संसदीय कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी मायावती के इस व्यवहार से काफी खफा दिखे। नकवी ने कहा, “मायावती माफी मांगे, उन्होंने सदन का अपमान किया है और चेयर को चुनौती दी है।”