भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मेघालय की कांग्रेस सरकार को देश की सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार आज करार दिया और कहा कि भाजपा राज्य में सिर्फ सरकार बनाने के लिये इसका प्रयास नहीं करेगी। पूर्वोत्तर के इस राज्य में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस के पांच विधायकों समेत आठ विधायक इस सप्ताह की शुरूआत में भाजपा के सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए। शाह ने कहा कि पूर्वोथर राज्य को 56000 करोड़ रुपये से अधिक दिये गए हैं, लेकिन यह विकास के लिये राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा नहीं था।
वह यहां पार्टी नेताओं की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। राज्य की मुकुल संगमा सरकार को देश में सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचा, पर्यटन सुविधाओं और रोजगार सृजन समेत सभी क्षेत्रों में डेलिवर करने में विफल रही है। शाह ने कहा, हमारा मिशन सिर्फ सरकार बनाने के लिये ऐसा करना नहीं है। भाजपा इसके मूड में नहीं है। मिशन इस बात को सुनिश्चित करने के लिये है कि मेघालय को आदर्श राज्य–सर्वाधिक विकसित राज्यों में से एक-बनना चाहिये।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात फिलहाल अपने पांच दिवसीय त्रिपुरा दौरे पर हैं। जबकि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने इस सप्ताह की शुरुआत में अगरतला में एक चुनाव रैली को संबोधित किया था। पूर्वोत्तर के तीनों राज्य त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव फरवरी माह में होने हैं। मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल क्रमश: छह, 13, 14 मार्च को समाप्त हो रहा है।
त्रिपुरा में सत्ता वाम मोर्चा के हाथ है, जबकि मेघालय में कांग्रेस और नागालैंड में नागा पीपुल्स नेतृत्व वाले लोकतांत्रिक गठबंधन (डीएएन) की सरकार है। डीएएन को भाजपा का समर्थन प्राप्त है। त्रिपुरा की मुख्य जनजातीय पार्टी, इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने नई दिल्ली में गुरुवार और शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है।
पार्टी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्तशासी जिला परिषद को एक अलग जनजातीय राज्य बनाने के लिए 2009 से आंदोलन कर रही है। असम के शक्तिशाली नेता हिमांता बिस्व सरमा ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस बैठक का बंदोबस्त कराया था। सरमा के पास असम की भाजपा सरकार में वित्त, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण और शिक्षा मंत्रालय का प्रभार है। सरमा कांग्रेस विरोधी मोर्चा और भाजपा के नेतृत्व वाले ईस्ट डेमोकट्रिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हैं।
वह त्रिपुरा में पार्टी के चुनाव प्रभारी भी हैं। आईपीएफटी के अध्यक्ष नरेंद्र चंद्र देवबर्मा ने फोन पर बताया, अलग राज्य बनाने की अपनी मांग को लेकर हमने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और दूसरे मंत्रियों व भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी, जो सकरात्मक रही। केंद्रीय गृह मंत्रालय लंबे अरसे से चली आ रही मांग पर आठ जनवरी को एक समीति बनाने की घोषणा करेगा।
राजनीतिक दलों ने पहले आईपीएफटी की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि छोटे राज्य को विभाजित करना व्यावहारिक नहीं है। दो अन्य महत्वपूर्ण जानजातीय दल इंडीजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (आईएनपीटी) और नेशनल कांफ्रेंस ऑफ त्रिपुरा (एनसीटी) ने भी त्रिपुरा में शुक्रवार से कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन को लेकर बातचीत शुरू कर दी है।
आईएनपीटी और एनसीटी ने भी आईपीएफटी की अलग राज्य की मांग का विरोध किया है। आईएनपीटी के प्रवक्ता स्रोता रंजन खिसा ने आईएएनएस से कहा, हम कांग्रेस और टीएमसी नेताओं के साथ भाजपा विरोधी और वाम विरोधी गठबंधन के खिलाफ लड़ने पर बातचीत कर रहे हैं।
त्रिपुरा निर्वाचन आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, श्रीराम तरानीकांति ने कहा, निर्वाचन आयोग के नियमित दिशानिर्देशों के साथ हम राज्य में चुनाव कराने के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। आयोग हमारे साथ चुनाव की तैयारियों को लेकर संपर्क में है।
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