एंटीगुआ प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि भारत में वांछित मेहुल चोकसी उनके देश में है। मेहुल चोकसी को कथित तौर पर भारत में 2 अरब डालर के घोटाले का मास्टरमाइंड माना गया है। वह नीरव मोदी का मामा है। अधिकारियों ने कहा कि उसके प्रत्यर्पन के लिए प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
एंटीगुआ में मेहुल चोकसी की उपस्थिति के बारे में खबरें आने के बाद सीबीआई ने इस संदर्भ में वहां के प्राधिकार से जानकारी मांगी थी। उसके बाद एंटीगुआ की एजेंसियों ने इसकी पुष्टि की। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले सप्ताह एंटीगुआ प्राधिकरण को भेजे पत्र में भगोड़े कारोबारी के खिलाफ इंटरपोल के नोटिस और उसके मौजूदा ठिकाने के बारे में जानकारी मांगी।
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बता दें कि मेहुल चोकसी ने नवंबर 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ली। अधिकारियों ने कहा कि पुष्टि के बाद एजेंसी विदेश मंत्रालय के जरिये प्रत्यर्पण अनुरोध भेज सकती है। जांच एजेंसी ‘रेड कार्नर नोटिस’ का इंतजार नहीं करेगी क्योंकि आवेदन अब भी इंटरपोल के पास लंबित है।
एंटीगुआ और बारबुडा की इकाई ‘द सिटिजनशिप बाई इनवेस्टमेंट’ ने स्थानीय अखबारों में कहा कि मेहुल चोकसी के नागरिकता आवेदन को इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस आर्गनाइजेशन जैसी अच्छी साख वाली एजेंसियों के जरिये कड़ी पड़ताल और अंतरराष्ट्रीय जांच के बाद मंजूरी दे दी गई है।
बिज़नेस बढ़ाने के लिए पिछले साल ली एंटीगुआ की नागरिकता : मेहुल चोकसी
वहीं, सीबीआई का कहना है कि चोकसी के बारे में अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने उससे कोई जानकारी नहीं ली। सीबीआई इंटरपोल के लिए भारत की नोडल एजेंसी है। एंटीगुआ और बारबूडा के ‘सिटिजनशिप बाई इनवेस्टमेंट प्रोग्राम’ के तहत कोई व्यक्ति एनडीएफ निवेश फंड में न्यूनतम एक लाख डालर निवेश कर पासपोर्ट प्राप्त कर सकता है। आपको बता दें कि मेहुल चोकसी जनवरी के पहले सप्ताह में भारत से फरार हो गया था।