केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में कोविड-19 के नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकोल के तहत रेमडेसिविर के उपयोग के बारे में मीडिया में आ रही रिपोर्टों के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि केवल सीमित आपात यानि तत्काल उपयोग हेतु टोकिलिजुमाब और अन्वेषणातमक पद्धति,( इंवेस्टिगेशनल थेरेपी,) के रूप में रेमडेसिविर दवा को शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इन पद्धतियों का उपयोग सीमित उपलब्ध प्रमाण और वर्तमान में सीमित उपलब्धता पर आधारित होगा। केवल मध्यम स्तर के रोगियों, जो ऑक्सीजन पर हैं लेकिन जिनमें कोई विरोधाभासी संकेत नहीं हैं, उनके लिये रेमडेसिविर का आपात यानि तत्काल उपयोग पर विचार किया जा सकता है।
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इस दवा को अभी अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(यूएसएफडीए) ने स्वीकृति,( मार्केट अथोराइजेशन,) नहीं दी है, जबकि यहां भारत में केवल आपात उपयोग अथोराइजेशन के रूप में जारी है।
अस्पताल में दाखिल गंभीर स्थिति के व्यस्क और बालक कोविड-19 के संदिग्ध और पुष्ट रोगियों के उपचार के लिये भारत में इस दवा का सीमित आपात उपयोग निम्न शर्तों पर किया जा सकेगा। प्रत्येक रोगी के तरफ से लिखित सहमति सूचना, अतिरिक्त नैदानिक जांच के परिणाम की प्रस्तुति, सभी उपचार किये गये रोगियों के सक्रिय सर्विलांस के डेटा की प्रस्तुति, जोखिम प्रबंधन योजना आदि।