नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन बुधवार को 14वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन करने के पक्ष में है। किसानों के मसले को लेकर सरकार के साथ पहले से तय आज (बुधवार) की वार्ता टल गई है। इस बीच कृषि कानूनों पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो चुकी है।
वहीं इस बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे है कि उन प्रस्तावों पर मुहर लगेगी जो किसानों को आज भेजी जानी है। बता दें कि किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद अगले दौर की बातचीत नौ दिसंबर को तय हुई थी। लेकिन इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मंगलवार को हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद यह वार्ता टल गई है।
गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में यह तय हुआ कि नये कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर किसान संगठनों को सरकार की ओर से बुधवार को एक प्रस्ताव भेजी जाएगी। इसमें उन बिंदुओं का जिक्र होगा जिस पर सरकार कानून में संशोधन कर सकती है। इस प्रस्ताव पर विचार करके किसान नेता सरकार को अपना निर्णय बताएंगे। इसलिए फिलहाल अब कोई बैठक नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग ठुकरा दी है और कहा गया है कि इन कानूनों में सिर्फ संशोधनों पर विचार किया जा सकता है। गृहमंत्री के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की यह बैठक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), पूसा में हुई थी। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेलमंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बैठक में किसानों के 13 नेताओंका एक प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया।