संसद का मानसून सत्र कोरोना संकट के बीच सिंतबर के पहले सप्ताह से शुरू हो सकता है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों के चैंबरों का दौरा किया।
इस बार दोनों सदनों की कार्यवाही एक साथ नहीं चले क्योंकि प्रत्येक सदन द्वारा उचित दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने के लिए दोनों चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले, रविवार को राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि मानूसन सत्र के दौरान उच्च सदन के सदस्यों को दोनों चैंबर और दीर्घाओं में बैठाया जाएगा। भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य चैंबर में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे।
लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी। महामारी के कारण संसद के बजट सत्र की अवधि में कटौती कर दी गयी थी और 23 मार्च को दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिपाटी के तहत अंतिम सत्र से छह महीने के अंत के पहले संसद का सत्र आहूत होता है।