केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 19वें दिन भी जारी है। जैसे-जैसे किसान आंदोलन के दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे सरकार और अन्नदाताओं के बीच का गतिरोध और तल्ख होता जा रहा है। इस बीच केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने किसानों को दो टूक जवाब डटे हुए कहा कि अगर किसान बिल में कुछ जोड़ना चाहते हैं तो इसकी संभावना अधिक है, लेकिन यह पूर्ण ‘हां या नहीं’ नहीं हो सकता है।
कृषि राज्यमंत्री ने सोमवार को अपने बयान में कहा, मैं किसानों से अपील करता हूं कि कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दों को हल करें। यदि किसान इन बिलों में कुछ जोड़ना चाहते हैं, तो यह बहुत संभव है, लेकिन यह पूर्ण ‘हां या नहीं’ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का एक साथ बैठने से समाधान हो सकता है।
किसान नेताओं ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज एक दिवसीय भूख हड़ताल शुरू की जबकि किसान आंदोलन देश के अन्य हिस्सों में फैल गया और अब विभिन्न किसान संगठन सभी जिला मुख्यालयों में भी विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं। सरकार के साथ वार्ता बेतनतीजा रहने के बाद किसानों ने आंदोलन को तेज कर दिया है। दिल्ली की सीमा पर जारी आंदोलन से और भी किसानों के जुड़ने की संभावना है।
किसान नेताओं ने दावा किया कि देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के आह्वान के तहत अनेक जिलों में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में जमा हुए किसानों ने रविवार प्रमुख दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को उस समय बाधित कर दिया ,जब पुलिस ने उन्हें हरियाणा-राजस्थान सीमा पर उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया।
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के आलावा आज देश के सभी जिला मुख्यालय पर भी किसान धरना दें रहे हैं। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सीमा पर बहु स्तरीय कंक्रीट के बने अवरोधक लगाए गए हैं। इनके अलावा अतरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है और प्रदर्शन स्थल सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा के पहले स्तर की सुरक्षा के लिए कंटीले तार लगाए गए हैं।
दूसरे सुरक्षा घेरे के तहत दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं जहां रैपिड एक्शन फोर्स (आरएफ) के जवानों के साथ अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इसके बाद टोल नाका के पास मुख्य अवरोध लगाए गए हैं जहां पर पुलिस जवानों की भारी तैनाती देखी जा रही है।