NDA नेताओं द्वारा राष्ट्रपति को समर्थन पत्र सौंपे जाने के बाद नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति भवन पहुंचे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमंत्री मनोनीत किया और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
श्री मोदी ने राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद राष्ट्रपति भवन जाकर श्री कोविंद से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 75(एक) के प्रावधानों में प्रदत्त अधिकारों के तहत श्री मोदी को प्रधानमंत्री मनोनीत किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति ने उन्हें सरकार बनाने के आमंत्रण का पत्र सौंपा और उनसे शपथ ग्रहण समारोह की तिथि और समय बताने तथा अन्य मंत्रियों की सूची सौंपने का अनुरोध किया।
राष्ट्रपति से मुलाकात करने के बाद मीडिया से बातचीत में श्री मोदी ने बताया कि राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमंत्री मनोनीत किया है और सरकार गठन की आगे की प्रक्रिया का ब्योरा देने को कहा है। उन्होंने कहा कि नयी सरकार प्रचंड जनमत और जनादेश से जुड़ अपेक्षाएं पूरी करने का प्रयास करेगी। नयी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र के साथ सबकी सुरक्षा और समृद्धि की प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी।
इससे पहले राजग के घटक दलों के नेताओं ने श्री मोदी को गठबंधन का नेता चुने जाने और अपने समर्थन का पत्र राष्ट्रपति को सौंपा। इससे पूर्व संसद के केंद्रीय कक्ष में राजग संसदीय दल की बैठक में श्री मोदी को पुन: नेता चुना गया।
राष्ट्रपति से मिले राजग के प्रतिनिधिमंडल में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, जनता दल यू के प्रमुख नीतीश कुमार, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अन्नाद्रमुक नेता के। पलानीसामी, नेशनल पीपुल्स पार्टी के नेता कोनार्ड संगमा तथा नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी के नेता नेफियू रियो, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज तथा नितिन गडकरी शामिल थे।
श्री मोदी ने सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव सम्पन्न होने और परिणाम आने के बाद कल राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया था। राष्ट्रपति ने उनसे नयी सरकार के गठन तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया था।
इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ तथा दोनों चुनाव आयुक्त ने श्री कोविंद से आज मिलकर 17वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों की सूची सौंपी थी। इससे पूर्व राष्ट्रपति ने मंत्रिमंडल की सलाह पर 16वीं लोकसभा को भंग कर दिया।
राजग संसदीय दल की बैठक में श्री मोदी को पहले भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल का नेता, उसके बाद उन्हें राजग संसदीय दल का नेता चुना गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने श्री मोदी को पार्टी संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने इसका अनुमोदन किया और उसके बाद पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों ने हाथ खड़ कर और मेजें थपथपाकर प्रस्ताव का समर्थन किया।
इसके बाद शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने श्री मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुनने का प्रस्ताव पेश किया। जनता दल यू के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान, अन्नाद्रमुक के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीसामी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के प्रमुख एवं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख एवं मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद राजग के नवनिर्वाचित सांसदों ने दोनों हाथ उठाकर तथा मेजें थपथपाकर इसका समर्थन किया। अपना दल, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी तथा राजग के अन्य घटक दलों की ओर से भी श्री मोदी को नेता चुनने के समर्थन में पत्र भेजे गये थे।
बैठक में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी तथा सुषमा स्वराज भी मौजूद थी। इसके अलावा भाजपा तथा राजग के अन्य घटक दलों के शासन वाले राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री तथा कुछ अन्य नेता भी उपस्थित थे।