गुजरात हाईकोर्ट ने वर्ष 2002 के नरोदा पाटिया मामले में दोषी ठहराये गए तीन अभियुक्तों को सजा सुनाने का अपना आदेश आज स्थगित कर दिया। न्यायमूर्ति हर्षा देवानी और न्यायमूर्ति एस सुपेहिया ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिये 19 जून की तारीख तय की है। उस दिन दोषियों के वकील उनकी सजा की अवधि पर नये सिरे से दलील देंगे। इससे पहले हाईकोर्ट ने नौ मई को इस मामले की सुनवाई उस आज के लिए स्थगित कर दी थी जब दोषियों ने यह दलील दी कि उनका सही तरीके से प्रतिनिधित्व नहीं हुआ और उनकी सजा की अवधि पर नये सिरे से वकील के लिये उन्हे अपने वकीलों की आवश्यकता है।
इससे पहले वर्ष 2012 के एक फैसले में तीनों दोषियों-पी जी राजपूत , राजकुमार चौमल और उमेश भरवाद सहित 29 अन्य को एसआईटी की विशेष अदालत ने बरी कर दिया था। बहरहाल हाईकोर्ट ने याचिकाओं की सुनवाई के दौरान 20 अप्रैल को इन तीनों को दोषी पाया था और 29 अन्य को बरी कर दिया। खंडपीठ ने इन दोषियों की सजा की अवधि पर आदेश सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने 20 अप्रैल के आदेश में बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया था जबकि बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी को दोषी ठहराने का आदेश बरकरार रखा था। गोधरा में फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे में अग्निकांड की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान नरौदा पाटिया 97 व्यक्ति मारे गये थे। इनमें से अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय के थे।
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