निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी मुकेश आगामी 20 मार्च को होने वाली फांसी से बचने के लिए नया पैतरा अपनाया है। दोषी मुकेश मौत की सजा खारिज कराने के अनुरोध के साथ मंगलवार को अदालत पहुंचा। अपनी याचिका में उसने यह दावा किया कि वह अपराध के दिन दिल्ली में नहीं था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया कि मुकेश को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था और उसे 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया था। साथ ही कहा गया कि वह 16 दिसंबर को शहर में मौजूद नहीं था जब यह अपराध हुआ था।
याचिका में उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे तिहाड़ जेल के भीतर प्रताड़ित किया गया। पांच मार्च को निचली अदालत ने निर्भया मामले के चार दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए मृत्यु वारंट जारी किया था।
Coronavirus : स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में देशभर के सभी डॉक्टरों और पैरामेडिक्स का किया धन्यवाद
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली दोषी मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी । मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से मुकेश ने कोर्ट में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए क्योंकि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था।