केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को अगले वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बजट 2021-22 पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात की। कोरोना महामारी की मार से चरमराई आर्थिक गतिविधियों को इस बजट के जरिए तेज करने की कोशिश होगी जिससे देश की आर्थिक विकास को रफ्तार दिया जा सके।
निर्मला सीतारमण यह अपना तीसरा बजट संसद में पेश करेंगी जबकि मोदी सरकार का यह नौंवा बजट होगा। कोरोना महामारी के संकट के बाद का यह पहला बजट है। इसलिए कोविड-19 के संकट से बेपटरी हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाले इस बजट से आम जनता से लेकर कॉरपोरेट तक की उम्मीदें जुड़ी होंगी। बकौल वित्त मंत्री यह बजट ऐसा होगा जैसा बीते 100 साल में देश ने नहीं देखा होगा। इस प्रकार, सदी के सबसे अच्छे बजट से बाजार को भी काफी उम्मीदें होंगी और वित्तमंत्री के बजट भाषण के दौरान की जाने वाली घोषणाओं पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
जानकारों की मानें तो इस बजट में आर्थिक विकास को रफ्तार देने के साथ-साथ सरकार के खर्च और आमदनी के बीच संतुलन बनाने की एक नई कोशिश होगी जिसमें राजकोषीय समेकन यानी फिशकल कंसोलिडेशन का एक नया रोडमैप देखने को मिल सकता है। कृषि क्षेत्र के लिए भी नई घोषणाएं इस बजट में की जा सकती हैं।