संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित जनप्रतिनिध सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसदों और विधायकों को संबोधित करते हुए विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही। ‘वी फॉर डेवलपमेंट’ की थीम पर आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन में पीएम ने कहा कि देश को मिशन मोड में काम करना होगा तभी विकास हो पाएगा। उन्होंने कहा कि देश में बैकवर्ड की स्पर्धा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने जिले में तैनात ज्यादा उम्र के अफसरों को विकास में बाधक माना और नौजवान अफसरों पर भरोसा जताया।
मोदी ने कहा कि अगर सब बच्चों को शिक्षा मिलती है तो ये सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम हुआ, सभी घरों को बिजली मिलती है तो सामाजिक न्याय का और एक कदम हुआ। पीएम ने कहा कि हमें देश में बैकवर्ड की प्रतिस्पर्धा नहीं करनी है, देश में फॉर्वर्ड की प्रतिस्पर्धा करनी है।
पीएम ने कहा कि जब हम सामाजिक न्याय की बात करते हैं तो समाज की अवस्था तक सीमित रहते हैं। जब एक घर में बिजली है और बराबर वाले घर में बिजली नहीं है तो क्या ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि वहां भी बिजली होनी चाहिए। अगर 5 जिलों का विकास हुआ है और तीन का विकास नहीं हुआ है तो इसका अर्थ ये है कि उन तीन को भी 5 के बराबर लाया जा सकता है। अगर राज्य के कुछ जिले बहुत अच्छा कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि राज्य के अंदर पोटेंशल है।
पीएम मोदी ने कहा कि कभी इस सेंट्रल हॉल में महापुरूष बैठते थे। उन्होंने खुद पहली बार मई 2014 में इस हॉल के अंदर कदम रखा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि बराबरी के लिए सभी जिलों का विकास होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए खुद वे 115 जिलों के डीएम से बात की।
बता दें कि इस सम्मेलन का मकसद देशभर के सांसदों, विधान पार्षदों और विधायकों को अपने अनुभव साझा करने, अपने विचारों को रखने, एक दूसरे से सीखने और टिकाऊ विकास के लक्ष्यों के आलोक में विकास के मुद्दों पर नजरिया विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
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