संसद में आज भी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। बता दे कि संसद में तीसरे सप्ताह भी गतिरोध बना हुआ है और इस बीच तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वाईएसआर कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के लिए दी गई नोटिसों पर सोमवार को चर्चा शुरू नहीं हो सकी। इससे पहले शुक्रवार को नोटिस दिया गया था और मंगलवार को दोनों पार्टियां एक बार फिर से अविश्वास प्रस्ताव पर नोटिस देंगी।
सोमवार को लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
वही , सरकार ने साफ कर दिया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव सहित विपक्ष की ओर उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन चर्चा तभी संभव होगी जब सदन सुचारू रूप से चले। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले सदन में शांति जरूरी है। तभी चर्चा हो सकती है।
सरकार की ओर से पहले भी कहा जा चुका है कि लोकसभा में उसके पास पूर्ण बहुमत है, इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव से डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके पहले शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करना और उस पर चर्चा शुरू कराना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन सदन के सुचारू हुए बिना यह संभव नहीं हो सकता है।
539 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा के पास खुद के 274 सदस्य हैं, जबकि बहुमत के लिए 270 सदस्यों की ही जरूरत है।
टीडीपी के लोकसभा में 16 सदस्य हैं, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के नौ सदस्य हैं। दोनों दल विपक्षी पार्टियों से अपने-अपने नोटिस के समर्थन के लिए लामबंद करने में जुटे हुए हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए किसी भी नोटिस को कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है।
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