पासपोर्ट बनवाने के लिए अब पुलिस वेरिफिकेशन जल्द ही बीते ज़माने की बात होगी। इस सेवा को सरकार अपराधों और अपराधियों के राष्ट्रीय ब्यौरे से जोड़ने की योजना बना रही है। इस ब्यौरे से एक क्लिक पर आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी मिल सकेगी। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम्स परियोजना (सीसीटीएनएस) को विदेश मंत्रालय की पासपोर्ट सेवा के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों में पुलिस सीसीटीएनएस का इस्तेमाल कर रही है। पुलिस को एक हैंड डिवाइस दिया जाएगा, जो आवेदक के पते पर जाकर उसका डिटेल नेटवर्क पर अपलोड कर देगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ये बातें ऐसे समय कहीं गई जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरु किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल पुलिस पोर्टल नागरिकों को आनलाइन शिकायत पंजीकरण और पृष्ठभूमि सत्यापन का आग्रह जैसी सुविधाएं देगा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य अपराध और अपराधियों का एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाना तथा उसे देश के सभी 15,398 पुलिस थानों को जोड़ना है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सीसीटीएनएस राष्ट्रीय ब्यौरे में अतीत और वर्तमान आपराधिक मामलों से जुड़े करीब सात करोड़ डेटा रिकार्ड हैं।
साथ ही उन्होंने बताया कि सीसीटीएनएस परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार कारगर शासन के सपने को पूरा करने में मदद करेगी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि सीसीटीएनएस पूरे राष्ट्रीय अपराध एवं अपराधी ब्यौरे पर पूरे भारत में खोजने में मदद करेगा और इस ब्यौरे तक देशभर में जांच अधिकारियों द्वारा पहुंचा जा सकता है।