नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध जताने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर करारा जवाब दिया है। अमित शाह कह रहे हैं कि दोनों में कोई संबंध नहीं है। पहले उन्हें अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए।’
असदुद्दीन ओवैसी ने इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने तक की सलाह दी है।ओवैसी ने कहा, “वे लोग नागरिकता अधिनियम, 1955 के मुताबिक एनपीआर करने जा रहे हैं, तो क्या यह एनआरसी से जुड़ा हुआ नहीं है? केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह देश को गुमराह क्यों कर रहे हैं?
उन्होंने मेरा नाम संसद में लिया और कहा ओवैसी जी एनआरसी को पूरे देश में लागू किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कि एनपीआर जनसंख्या का रजिस्टर है यानी देश में जो लोग भी रहते हैं ये उनका रजिस्टर है। जबकि एनआरसी में हर व्यक्ति से प्रूफ मांगे जाते हैं कि आप इस देश के नागरिक हैं या नहीं।
गृहमंत्री ने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा था कि “मैं ओवैसी जी के रुख से हैरान नहीं हूं। अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है, तो ओवैसी साहब कहते हैं कि यह पश्चिम से उगता है। लेकिन मैं ओवैसी जी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है और यह भी कि ये दोनों एक दूसरे से बहुत अलग हैं।