नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया ने एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार देश में लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए फासीवादी तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। कांग्रेस की छात्र इकाई के सदस्यों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाए।
एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने आरोप लगाया कि बेंगलुरु की जलवायु कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया और बिना ट्रांजिट वारंट के उन्हें दिल्ली लाया गया। उन्होंने एक बयान में कहा, भारत के छात्रों और युवाओं के खिलाफ युद्ध छेड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सत्तावादी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है।
उन्होंने कहा, इस सरकार के सत्ता में आने के बाद राजद्रोह के दर्ज 191 मामलों में से केवल चार में सजा हुई है। सरकार सख्त कानूनों का इस्तेमाल करती है और सभी असंतुष्ट आवाजों को दबाने के लिए उनका दुरुपयोग करती है। केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के समर्थन में कथित तौर पर एक ‘टूलकिट’ बनाने और उसे साझा करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बेंगलुरु से रवि को गिरफ्तार किया था।
‘टूलकिट’ में ट्विटर के ज़रिए किसी अभियान को ट्रेंड कराने से संबंधित दिशानिर्देश और सामग्री होती है। एनएसयूआई ने कहा कि सरकार ने लोकतंत्र के वास्तविक सार को नजरअंदाज किया है और अपने तानाशाही रवैये से देश की छवि को बर्बाद कर दिया है। एनएसयूआई ने कहा कि सरकार को कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर के मामलों को भी देखना चाहिए, जिन्होंने पिछले साल दिल्ली में कथित तौर पर हिंसा भड़काई थी।