नए साल की पहली तारीख (1 जनवरी) से प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटाने के बाद नासिक के लासालगांव थोक मंडी में प्याज की कीमतें महज 2 दिनों में 28 प्रतिशत से बढ़कर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को प्याज की घटती कीमतों के कारण इसके सभी किस्मों पर 1 जनवरी से निर्यात प्रतिबंध हटा दिया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा,''प्याज की सभी किस्मों का निर्यात 1 जनवरी 2021 से प्रतिबंधमुक्त कर दिया गया है।"
नासिक के लासलगांव एपीएमसी के सचिव नरेंद्र वद्धवाने ने कहा कि सोमवार को प्याज की कीमतें लासलगांव थोक मंडी में औसतन 1,951 रुपये प्रति क्विंटल थीं और उसके बाद से मंडी में सब्जी की कीमत लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को प्याज की कीमतें औसतन 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रहीं और बुधवार को यह बढ़कर 2,500 रुपये क्विंटल हो गई। इस प्रकार पिछले 2 दिनों में प्याज की कीमत में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत में भी 25-42 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी गई। सोमवार को प्याज की कीमत 35-40 रुपये प्रति किलो थी जो बुधवार को (30 दिसंबर) बढ़कर 50 रुपये प्रति किलो हो गई है। सितंबर में केंद्र सरकार ने कीमतों में तेजी के कारण और घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। वाणिज्य मंत्रालय का एक प्रभाग डीजीएफटी, निर्यात और आयात-संबंधित मुद्दों का कामकाज देखता है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक देश के शीर्ष 3 प्याज उगाने वाले राज्य हैं। भारत सबसे बड़े प्याज निर्यातक देशों में से एक है। इसके निर्यात गंतव्यों में नेपाल और बांग्लादेश शामिल हैं।