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पूर्वोत्तर में उग्रवाद को काबू करना गृह मंत्री के तौर पर मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि : राजनाथ

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद को काबू में करना गृह मंत्री के तौर पर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।केंद्रीय गृह मंत्री

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में उग्रवाद को काबू में करना गृह मंत्री के तौर पर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी ने पिछले पांच साल में जिस प्रकार राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नेतृत्व किया है, उसे देखकर इस बात को लेकर कतई शक नहीं है कि इस चुनाव में हम तीन-चौथाई बहुमत से जीतेंगे।’’

सिंह ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री के तौर पर देश के कई हिस्सों में नक्सलवाद और पूर्वोत्तर में उग्रवाद को काबू करने की दिशा में काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम 1971 के बाद से सबसे बेहतर स्थिति में हैं, जब नक्सलियों की तुलना में सुरक्षाकर्मी अधिक मारे जाते थे। अब परिदृश्य बदल गया है… हमारे सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं और नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि पहले नक्सली 126 जिलों में सक्रिय थे और अब उनकी गतिविधियां केवल छह या सात जिलों में सीमित रह गई हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि आगामी दिनों में हम उन्हें जड़ से खत्म कर देंगे। पूर्वोत्तर में उग्रवाद को खत्म करना गृह मंत्री के तौर पर मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है।… यह मेरी उम्मीद से भी अधिक है।’’

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राजनाथ ने कहा कि गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने जम्मू-कश्मीर की सर्वाधिक यात्राएं कीं और क्षेत्र की समस्याओं के दीर्घकालीन समाधान तलाशने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘ संविधान के अनुच्छेदों 35ए और 370 (राज्य एवं उसके नागरिकों को विशेष दर्जा एवं अधिकार देने) की समीक्षा करने और यह पता करने का अब समय आ गया है कि इन प्रावधानों के कारण जम्मू-कश्मीर को क्या मिला और उसने क्या खोया।’’

राजनाथ ने कहा, ‘‘मेरे मंत्रालय ने उन 20000 संगठनों के पंजीकरण भी रद्द कर दिए जो विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत विदेशों से धन प्राप्त करते थे और ऐसी गतिविधियों में लिप्त थे, जो हमारे देश के हित में नहीं थीं।’’ सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि मोदी के व्यक्तित्व के कारण अन्य सांसदों एवं मंत्रियों का काम कम दिखाई दे रहा है।

यह पूछे जाने पर कि भाजपा की प्रचार मुहिम में नोटबंदी और जीएसटी का जिक्र क्यों नहीं है, सिंह ने कहा कि वे अब चुनावी मुद्दे नहीं हैं। जब राजनाथ से यह पूछा गया कि भाजपा भोजपुरी अभिनेताओं निरहुआ और रवि किशन, बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल और प्रज्ञा ठाकुर की तरह पार्टी के बाहर से उम्मीदवार ‘‘आयात’’ क्यों कर रही है, उन्होंने कहा कि यह पार्टी का ‘‘समावेशी एवं बहुलवादी’’ चरित्र दर्शाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे स्पष्ट करने दीजिए कि भाजपा का कोर कैडर काफी मजबूत है और हमारे पास उम्मीदवारों की कमी नहीं है। लेकिन हर समाज में कुछ लोग होते हैं जिनके पास बड़ी संख्या में प्रशंसकों की तादाद होती है और उनमें राजनीतिक सूझबूझ होती है।’’

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘हम जब इन लोगों को अपनी पार्टी में लाते हैं तो वह भाजपा के अभिन्न अंग हो जाते हैं और इस तरह से हमारी पार्टी ज्यादा समावेशी और बहुलवादी बन जाती है।’’

भाजपा द्वारा कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह संख्या पूरी तरह नहीं बता सकते लेकिन पार्टी ने उस समुदाय के सदस्यों को टिकट दिया है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘हम अपने मुख्य सिद्धांत — ‘सबका साथ सबका विकास’ के बारे में काफी सावधान हैं। दुर्भाग्य से विपक्षी दल असफलतापूर्वक भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमने विश्वास की भावना जगाई है और मुझे पूरा विश्वास है कि पिछले लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार हमें उनका (मुस्लिमों का) काफी समर्थन हासिल होगा।’’

सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र में रहने वाले उत्तर भारतीयों ने भाजपा का गठन होने के बाद से हमेशा पार्टी का समर्थन किया है। उन्होंने भाजपा- शिवसेना गठबंधन को ‘‘नहीं टूटने वाला बंधन’’ करार दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘एक ही राष्ट्रीय विचारधारा वाले दो दलों का एक साथ आना विरल है। लेकिन यह महाराष्ट्र में संभव है। हमारे बीच कुछ मतभेद थे लेकिन उनका समाधान हो चुका है। भाजपा- शिवसेना का बंधन अटूट है और हमने इसे साबित किया है।’’

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