देश के विकास के लिए मांग को पैदा करने में विफल रही है सरकार : चिदंबरम - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

देश के विकास के लिए मांग को पैदा करने में विफल रही है सरकार : चिदंबरम

राज्यसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि 2021-22 का बजट विफल रहा है क्योंकि गरीब को नकदी अंतरण के तहत छोटी राशि भी नहीं दी गयी तथा राशन प्रदान करने की सुविधा को भी जारी नहीं रखा गया।

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार देश के विकास के लिए मांग पैदा करने में विफल रही है तथा ‘‘अकुशल आर्थिक कुप्रबंधन’’ के कारण जीडीपी तीन साल पहले के स्तर पर पहुंच जाएगा। राज्यसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए उन्होंने दावा किया कि 2021-22 का बजट विफल रहा है क्योंकि गरीब को नकदी अंतरण के तहत छोटी राशि भी नहीं दी गयी तथा राशन प्रदान करने की सुविधा को भी जारी नहीं रखा गया। 
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘विश्व के प्रत्येक अर्थशास्त्री ने कहा कि हमें मांग पैदा करनी होगी तथा मांग पैदा करने का श्रेष्ठ तरीका है कि लोगों के हाथों में पैसा दिया जाए। यह सरकार इसे लेकर विफल रही है। मैं अपना आरोप दोहरा रहा हूं। आप पिछले 36 माह के दौरान मिले सबक अभी तक नहीं सीख पाए हैं। मुझे भय है कि आपके द्वारा सबक नहीं सीखे जाने के कारण 12 महीने और व्यर्थ हो जाएंगे तथा गरीब परेशानी झेलेगा और बुरी तरह झेलेगा।’’ 
उन्होंने कहा कि 2004-05 में स्थिर मूल्यों पर जीडीपी करीब 32.42 लाख करोड़ रूपये थी जो संप्रग सरकार के सत्ता से हटने के समय तीन गुना से अधिक बढ़कर 105 लाख करोड़ रूपये हो गयी। चिदंबरम ने कहा, ‘‘उसके बाद से क्या हुआ? 2017-18 में यह 131 लाख करोड़ रूपये थी। 2018-19 में यह 139 लाख करोड़ रूपये पर पहुंच गयी। 2019-20 में यह थोड़ा और बढ़कर 145 लाख करोड़ रूपये हो गयी। 2020-21 में, जो वर्ष समाप्त होने वाला है, पहली छमाही के दौरान यह 60 लाख करोड़ रूपये के करीब रही तथा वर्षांत तक यह करीब 130 लाख करोड़ रूपये पहुंचेगी। इसका मतलब है कि हम वापस वहीं आ गये जहां हम 2017-18 में थे।’’ 
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन साल में ‘‘अकुशल आर्थिक कुप्रबंधन’’ किया है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘माननीय वित्त मंत्री को मेरे द्वारा अकुशल शब्द का प्रयोग करने पर आपत्ति हुई। मैं संसद में कठोर शब्द का उपयोग नहीं कर सकता। मेरे पास जो उपलब्ध है, उसमें मैं सबसे मृदु शब्द का उपयोग कर रहा हूं। अकुशल आर्थिक कुप्रबंधन के तीन वर्षों के कारण का अर्थ है कि 2020-21 में हम ठीक वहीं पहुंच गये जहां हम 2017-18 में थे।’’ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − ten =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।