पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा आतंकी हमले के पूरे 5 दिन बाद अपना बयान दिया है। लेकिन अगर इमरान खान के बयानों पर गौर किया जाए तो उन बयानों में निंदा कम बल्कि धमकी ज्यादा थी। बीते गुरूवार को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद खुद जैश-ए-मोहम्मद ने वीडियो के जरिए इस बात को स्वीकार किया की इस आत्मघाती हमले के पीछे उसका हाथ है। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अभी भी सबूतों की जरूरत है। इसके साथ ही पाकिस्तान के रेल मंत्री अपना भड़काऊ बयान के जरिए भारत को नसीहतें देते हुए दिखाई दिए तो पता चला पाकिस्तान का एक और दूसरा रूप सामने आया ।
पाकिस्तान का एक और दूसरा र्रोप आया सबके सामने
ये कुछ ऐसे आम पाकिस्तानी लोग हैं जिनका पाकिस्तान की सियासत से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन इन्हें यकीन है कि भारत के साथ शांति और सद्भाव के जरिए वह अपने भविष्य को संवार सकते हैं। पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर एंटी हेट चैलेंज, बी स्टैंड विद इंडिया, नो टू वॉर, कंडेम पुलवामा अटैक हैशटैग के जरिए लोग अपनी भावना का इजहार कर रहे हैं।
हाल ही में कुछ युवा पाकिस्तानी जो सोशल मीडिया के जरिए सबके सामने आ रहे हैं और पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ काफिले में शहीद हुए 40 जवानों की निंदा कर रहे हैं। पाकिस्तान के एक युवा पत्रकार और भारत-पाक शंति कार्यकर्ता सेहिर मिर्जा ने फेसबुक के जरिए कई अलग-अलग चेहरे हम लोगों के सामने आ रहे हैं इतना ही नहीं हाथों में तख्ती लिए हुए उन्होंने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें लिखा था:“मैं एक पाकिस्तानी हूं और पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं। लेकिन ये बात अलग है कि पाकिस्तान के हुक्मरान वही बयान दे रहे हैं।
यहां पढ़े फेसबुक पोस्ट:https://www.facebook.com/sehyr.mirza/posts/10158983178371515
यहां पढ़े फेसबुक पोस्ट:https://www.facebook.com/amankiasha.destinationpeace/posts/2196502283729334
जो मुंबई हमलों,पठानकोट अटैक के बाद देते थे। कश्मीर घाटी में हर आतंकी हमले के पीछे उन्हें भारत की साजिश नजर आती है लेकिन वह इस बात को भूल जाते हैं कि सभी हमलों में उन संगठनों ने जिम्मेदारी ली है जो पाकिस्तान की धरती से संचालित होते हैं।
साहिर लुधियानवी ने बोली ये बात
वहीं पाकिस्तान के कुछ लोगों का कहना है कि शायर साहिर लुधियानवी की बात करते हुए कहते हैं कि युद्घ अपने आप में एक परेशानी है। इस सारी समस्याओं का सामना भला लड़ाई से कैसे होगा। आज आग और खून की बारिश है तो कल भुखमरी की समस्या होगी। ये पाकिस्तान की युवा आबादी की सोच है जो उनके दिल और दिमाग में जगह बना रही है। लेकिन पाकिस्तान के कुछ ऐसे चेहरे जिन्होंने अपने कानों में बिना रूई के भी कानों को बंद किया हुआ है उन्हें बस वही सुनाई देता है जिसमें उनके देश का भला होता है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए हैं। जैश-ए-मोहम्मद की ओर से फिदायिन हमला किया गया था। इस हमले के बाद से देश भर के लोगों गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए की मांग कर रहा है।