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परीक्षा पे चर्चा 2020 : छात्रों से बोले PM मोदी-टेक्नोलॉजी को अपना दोस्त बनाएं, उसके गुलाम न बनें

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर प्रचलित ‘हैशटेग’ का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों और उनके बीच होने वाली चर्चा ‘हेशटेग विदाउट फिल्टर’ होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशभर के छात्रों के साथ “परीक्षा पे चर्चा 2020” कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया है। इस कार्यक्रम में देश-विदेश के छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा से जुड़े कई टिप्स दिए। छात्र-छात्रों ने भी प्रधानमंत्री से कई सवाल-जवाब किए। 
PM मोदी ने छात्रों से पूर्वोत्तर राज्यों में घूमने के लिए कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकार और दायित्व के बारे में पूछे गए एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि यह सही है कि स्कूली पाठ्यक्रम में समय के साथ बहुत विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में नागरिक शास्त्र पढ़ाया जाता था, अब यह विषय सीमित होता जा रहा है, उसमें हमें अधिकार और कर्तव्यों के बारे में पढ़ाया जाता था।’’ 
उन्होंने पूर्वोत्तर की छात्रा द्वारा अधिकार और कर्तव्य के बारे में पूछे जाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश के छात्रों को घूमने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के भ्रमण हेतु जरूर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वस्तुत: मूलभूत अधिकार होते ही नही हैं, बल्कि मूलभूत कर्तव्य होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘अगर हम अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाह करें तो किसी को अपने अधिकारों की मांग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से भविष्य में देश और समाज में खुद को नेतृत्व करने की भूमिका के लिए अभी से तैयार करने का अनुरोध किया। 
उन्होंने कहा, ‘‘आज की किशोर पीढ़ी 2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर देश में नेतृत्व की भूमिका में होंगे। जब देश आजादी के सौ साल मनाएगा तब अगर आपको टूटी फूटी व्यवस्था मिले तो क्या आप नेतृत्व की जिम्मेदारी का निर्वाह कर पाएंगे, शायद नहीं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि मैं ऐसा क्या कर्तव्य निभाऊं जिससे देश का लाभ हो। हम सोचें कि 2022 में जब आजादी के 75 साल होंगे तब हम संकल्प लें कि हम अपने देश में ही निर्मित वस्तुओं को खरीदेंगे। इससे देश की अर्थव्यव्था को मजबूत बनाने के प्रति हमारे कर्तव्य की पूर्ति होगी।’’ 
पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों में भी छात्र बढ़चढ़ कर हिस्सा लें : PM मोदी 
प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि छात्रों को खासकर 10वीं और इससे ऊपर की कक्षा के छात्रों को पढ़ाई से इतर गतिविधियों में जरूर शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों को वे काम भी करने देना चाहिए जो वे करना चाहते हों। सूचना टेक्नोलॉजी खासकर गैजेट के इस्तेमाल से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि आजकल की पीढ़ी नयी-नयी जानकारियों को हासिल करने के लिए ‘गूगल गुरु’ का जमकर इस्तेमाल करती है। 
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उन्होंने सोशल नेटवर्किंग को आवश्यक बताते हुए कहा कि इसमें समय के साथ विकृति भी आयी है। उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक के बारे में मैं भी विशेषज्ञ नहीं हूं लेकिन इसके बारे में जानने की अपनी लालसा के कारण मैं तकनीक के बारे में पूछताछ करता रहता हूं और इसका मुझे बहुत लाभ मिलता है।’’ गैजेट्स के अधिक इस्तेमाल के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार में या अन्यत्र स्थानों पर अधिकांश लोग गैजेट में लीन रहते हैं। मैं खुद को एक निश्चित समय के लिए प्रतिदिन गैजेट से पूरी तरह से अलग रखता हूं।’’ 
उन्होंने छात्रों से अपील की कि घर में एक ऐसा कमरा निर्धारित करें जिसमें तकनीक का प्रवेश वर्जित हो। उसमें सिर्फ अपने परिजनों से बातचीत करने का ही विकल्प हो। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से आप देखेंगे कि कितना लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, टेक्नोलॉजी को अपना दोस्त मानें, सक्रिय होना जरूरी है। लेकिन टेक्नोलॉजी का गुलाम नहीं बनना चाहिए।
PM मोदी ने छात्रों से कहा, होगी बिना किसी फिल्टर के बात
कार्यक्रम शुरु करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों के साथ वह बिना किसी ‘फिल्टर’ के बातचीत करेंगे। उन्होंने ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए छात्रों से कहा कि वे उनके साथ खुल कर चर्चा करें। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचलित ‘हैशटेग’ का जिक्र करते हुए कहा कि छात्रों और उनके बीच होने वाली चर्चा ‘हेशटेग विदाउट फिल्टर’ होगी। 
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प्रधानमंत्री ने परीक्षा के कारण मन व्यथित होने से जुड़े एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘छात्रों को विफलता से नहीं डरना चाहिए और नाकामी को जीवन का हिस्सा मानना चाहिए।’’ उन्होंने छात्रों को चंद्रयान मिशन की घटना का जिक्र करते हुए छात्रों को बताया कि उनके कुछ सहयोगियों ने चंद्रयान मिशन की लैंडिंग के मौके पर नहीं जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस अभियान की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके बावजूद वह इसरो के मुख्यालय गये और वैज्ञानिकों के बीच में रह कर उनका भरपूर उत्साहवर्धन किया। 

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