राज्यसभा में वायुयान संशोधन विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया है। विधेयक में नागरिक उडय्यन क्षेत्र के तीन नियामकों नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा कार्यालय और विमान दुर्घटना जांच कार्यालय को बदलती जरूरतों के मद्देनजर ज्यादा प्रभावशाली बनाने तथा नियमों के उल्लंघन पर सख्त जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नागरिक उडय्यन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में मंगलवार को बिल पेश करते हुए कहा, विधेयक में इन तीनों नियामकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक महानिदेशक की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत का उडय्यन क्षेत्र बहुत तेजी से बढ रहा है और वर्ष 2022 तक भारत अमेरिका और चीन के बाद इस क्षेत्र का तीसरा सबसे बड़ा देश बन जाएगा।
विधेयक में किए गए प्रावधानों से बदलते समय की आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और देश में विमान संचालन की सुरक्षा का स्तर बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से पहले देश का उडय्यन क्षेत्र 34 करोड़ यात्रियों को संभाल रहा था और अब पिछले दिनों शुरू की गयी सीमित विमान सेवा के बाद यह संख्या निरंतर बढ रही है तथा दीवाली के बाद इसमें तेजी से बढोतरी होगी। इसे देखते हुए देश में हवाई अड्डों की क्षमता बढाने के लिए भी निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विधेयक में विमानन क्षेत्र में नियमों के उल्लंघन के लिए लगाए जाने वाले जुर्माने की राशि को भी बढाने का प्रावधान किया गया है। अभी इन नियमों के उल्लंघन के लिए दो वर्ष की सजा या 10 लाख रूपये के जुर्माने या दोनों का प्रावधान है। संशोधित विधेयक में सजा की अवधि को नहीं बदला गया है लेकिन जुर्माने की राशि बढाकर एक करोड़ रूपये तक की गई है।
बीजेपी के जी वी एल नरसिम्हा राव ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि पिछले छह साल के दौरान नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव हुआ है। सरकार की हवाई अड्डों के विकास की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके कारण पिछले छह साल के दौरान विमान से यात्रा करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। देश के दूर दराज के क्षेत्रों के लोग अब विमान यात्रा कर रहे हैं जिससे पर्यटन का विकास हुआ है।
नरसिम्हा राव ने कहा कि 50 नए स्थानों के लिए विमान सेवा शुरु की गई है जिसका किराया एसी बस या रेलगाड़ी के किराया के समान है। कोरोना काल के दौरान उड्डयन क्षेत्र प्रभावित हुआ है लेकिन इस दौरान लाईफ लाइन उड़ान सेवा चलाई गई जिससे दवा, मास्क और पीपीई किट को दूर दराज के क्षेत्रों में भेजा गया।