डीम्ड विश्वविद्यालयों में PG मेडिकल पाठ्यक्रम : न्यायालय का काउंसलिंग की सीमा बढ़ाने से इंकार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

डीम्ड विश्वविद्यालयों में PG मेडिकल पाठ्यक्रम : न्यायालय का काउंसलिंग की सीमा बढ़ाने से इंकार

उच्चतम न्यायालय ने डीम्ड विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम की 603 रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए कांउसलिंग की समयसीमा बढ़ाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

उच्चतम न्यायालय ने डीम्ड विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम की 603 रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए कांउसलिंग की समयसीमा बढ़ाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। 
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अवकाशपीठ ने ‘एजुकेशन प्रमोशन सोसायटी ऑफ इंडिया’ की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुये कहा कि महज सीटें रिक्त होने की वजह से काउंसलिंग की सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती है। 
‘एजुकेशन प्रमोशन सोसायटी ऑफ इंडिया’ का दावा है कि वह देश के 1,300 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों का एक पंजीकृत समूह है और डीम्ड विश्वविद्यालयों तथा कालेजों का प्रतिनिधित्व करती है। इस सोसायटी ने पीजी मेडकिल पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटें भरने के लिए काउंसलिंग की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि इन संस्थानों में करीब एक हजार स्थान रिक्त हैं। 
पीठ ने कहा, ‘‘हमारी राय है कि सिर्फ सीट रिक्त होना ही समय सीमा बढ़ाने और रिक्त सीटों पर प्रवेश का अवसर प्रदान करने का आधार नहीं हो सकता है।’’ 
पीठ ने कहा, ‘‘समय सीमा का पालन किया जाना चाहिए। यदि हम इस कार्यक्रम के उल्लंघन की अनुमति देते हैं तो फिर हम ऐसा करके भानुमति का पिटारा ही खोल रहे होंगे और समय सीमा निर्धारित करने का सारा मकसद ही विफल हो जायेगा।’’ 
शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायालय द्वारा पहले के आदेश में निर्धारित कार्यक्रम में पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों की सीटों को भरने के लिये तीन दौर की काउंसलिंग होनी थी। पहला दौर, दूसरा दौर और अंतिम दौर। अंतिम दौर को 31 मई तक पूरा करना था और यदि इसके बाद भी कुछ सीटें रिक्त रह जाती हैं तो इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। सिर्फ इसी आधार पर समय सीमा नहीं बढ़ाई जा सकती।’’ 
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह संगठन और अन्य याचिकाकर्ता किसी एक कालेज या विश्वविद्यालय के समक्ष आयी परेशानियों की वजह से नहीं बल्कि सामान्य रूप में समय सीमा में विस्तार चाहते हैं।
 
इस सोसायटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिन्दर सिंह ने दलील दी कि इन कालेजों ने अपने यहां बुनियादी सुविधाओं पर बहुत अधिक पैसा खर्च किया है। उन्होंने कहा कि देश में डाक्टरों की बहुत कमी है ओर इसी वजह से केन्द्र ने सरकारी मेडिकल कालेजों में सुविधाओं को बढ़ाये बगैर ही सीटें बढ़ाने की अनुमति दी है। 
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा अधिक से अधिक चिकित्सकों को तैयार करने की रही है ताकि वे मरीजों का उपचार कर सकें। 
केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने सोसायटी की याचिका का विरोध किया ओर कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गयी तो शीर्ष अदालत के पहले के आदेशों में व्यवधान पैदा हो जायेगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।