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रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत ,आज से स्टेशनों पर टिकट आरक्षण काउंटर खोलने का किया फैसला

रेल मंत्री ने कहा है कि अगर कोई टिकट की दलाली करता मिले तो हेल्पलाइन 138 पर संपर्क करें। पीयूष गोयल ने कहा कि लोगों को गर्व है कि देश ने पूरे विश्व में कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ने का एक नया मॉडल स्थापित किया है।

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी रूप से लॉकडाउन लागू है। अब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लॉकडाउन के चौथे चरण के बीच गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश को अब सामान्य स्थिति की ओर ले जाने का समय आ गया है। इस दिशा में एक जून से देश के विभिन्न राज्यों से दो सौ ट्रेनों की शुरुआत होने वाली है। उन्होंने कहा कि हम और ट्रेनों को चलाए जाने की घोषणा जल्द करेंगे।
रेलवे बोर्ड ने बृहस्पतिवार को एक आदेश में कहा कि 22 मई से चुनिंदा स्टेशनों पर टिकट आरक्षण काउंटर खोल दिए जाएंगे। आदेश में कहा गया है कि रेलवे शुक्रवार से टिकट एजेटों के जरिए सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) से टिकटों के आरक्षण की भी अनुमति देगा। आदेश में कहा गया है कि क्षेत्रीय रेलवे को हिदायत दी गई है कि वे स्थानीय जरूरतों और शर्तों के अनुसार आरक्षण काउंटर खोलने का निर्देश दें। ये बुकिंग काउंटर और सीएससी 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से बंद हैं। 
इससे पहले , रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पूरे देश में लगभग 1.7 लाख सीएससी पर ट्रेन टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से शुरू हो जाएगी, ये सुविधा दूरदराज के स्थानों पर उपलब्ध रहेगी जहां कंप्यूटर और इंटरनेट की उपलब्धता कम है या बिल्कुल नहीं है। 
रेलवे ने कहा कि शुक्रवार से चरणबद्ध तरीके से आरक्षण टिकट खुलेंगे और स्थानीय जरूरतों और शर्तों के अनुसार उनके संबंधित स्थानों और समय के बारे में जानकारी दी जाएगी। रेलवे बोर्ड के आदेश में कहा गया है, ”राज्य सरकारों के मौजूदा नियमों के अनुसार श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगी। इन बुकिंग सुविधाओं से उन यात्रियों पर बोझ काफी कम हो जाएगा, जो यात्रा करने के लिए टिकट काउंटरों पर निर्भर हैं।” 
पीयूष गोयल ने कहा कि लोगों को गर्व है कि देश ने पूरे विश्व में कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ने का एक नया मॉडल स्थापित किया है। पीयूष गोयल ने गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की ढिलाई की वजह से प्रवासी मजदूर घरों को नहीं पहुंच रहे हैं।
उन्होंने मिसाल देते हुए कहा, “आज तक पश्चिम बंगाल में हम मात्र 27 ट्रेन चला पाए हैं। आपको याद होगा कि 8 या 9 मई तक तो वहां मात्र 2 ट्रेन ही पहुंच पायी थी। हम ट्रेन चलने की अनुमति मांगते थे तो नहीं दी, गृह मंत्री ने चिट्ठी लिखी उसके बाद भी 8 ट्रेनों की सूची मिली।” उन्होंने आगे कहा, “बाद में बंगाल ने 104 ट्रेनों की सूची दी, जो 15 मई से 15 जून तक वहां जानी है यानी 30 दिन में मात्र 104 ट्रेनों के जरिये 1 लाख 70 हजार लोग आप भेजोगे, जबकि जाना चाहते हैं 30 लाख तो हमारे प्रवासी मजदूर भाई-बहन स्वाभाविक रूप से परेशान होंगे ही।”

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने झारखंड और राजस्थान की राज्य सरकारों के रवैये पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “आज तक झारखंड राज्य ने मात्र 96 ट्रेनों को अनुमति दी है, राजस्थान ने अभी तक 35 ट्रेन ही जा पायी हैं। मैं सभी राज्यों से अपेक्षा करता हूं कि वो अपने लोगों को अपने घर आने दें और हमे ट्रेन चलाकर उन्हें पहुंचाने में हमारी सहायता करें।”
रेल मंत्री ने बताया कि आज तक 2,050 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्टेशनों तक पहुंचाया गया है। रेलवे में आइसोलेशन वार्ड की कल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने सामने रखी। उसके बाद हम तुरंत इस काम पर लग गए और एक प्रोटोकॉल के तहत करीब पांच हजार रेलवे के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया।
पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारतीय रेल ने योगदान दिया है। जनता कर्फ्यू के बाद से भारतीय रेल बंद थी इसके बाद धीरे-धीरे पहले 15 ट्रेन और फिर श्रमिक स्पेशन ट्रेन शुरू की। अब 1 जून से 200 और ट्रेन शुरू होने जा रही हैं। इस पूरे लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेल प्रतिबद्ध रही है कि देश में कहीं भी अनाज की कमी न हो, खाद्यान्न की कमी न हो और कोयले की कमी न हो। लोगों को गर्व है कि इस देश ने पूरे विश्व में कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ने का एक नया मॉडल स्थापित किया है।

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